उत्तराखंड में अपग्रेड होंगे 158 आयुर्वेदिक अस्पताल, तीसरी लहर से निपटने को मजबूत होंगी सुविधाएं
देहरादून। कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए इससे निबटने के लिए ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को प्रभावी कदम उठाने पर सरकार ने फोकस किया है। इस कड़ी में 158 आयुर्वेदिक अस्पतालों को कोविड से निबटने की दृष्टि से अपग्रेड किया जाएगा।
आयुष मंत्री डा हरक सिंह रावत ने शुक्रवार को विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित आधारभूत संरचना की मजबूती के लिए न्यूनतम खर्च और बेहतर सुविधा के सिद्धांत पर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि इस बारे में कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। आयुष मंत्री डा रावत ने समीक्षा बैठक में कहा कि कोविड पर नियंत्रण के लिए ग्रामीण व दूरदराज के क्षेत्रों में आयुर्वेदिक अस्पताल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में एलोपैथिक अस्पताल नहीं हैं, लेकिन आयुर्वेदिक अस्पताल हैं, वहां उनमें 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएं। इन अस्पतालों में आक्सीजन बेड, सिलिंडर समेत सभी प्रकार के प्राथमिक उपचार की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।डा रावत ने कहा कि प्रदेश में 429 आयुर्वेदिक अस्पताल हैं, जिनमें से 158 को इस उद्देश्य से अपग्रेड करने की योजना है। इनमें बेड की क्षमता चार से बढ़ाकर 10 की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिन अस्पतालों में उपकरण, मानव संसाधन का अभाव है और इसके चलते इनका समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है, उन्हें अपग्रेड कर सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। बैठक में आयुष सचिव चंद्रेश कुमार, सचिव वित्त वी षणमुगम, अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान व अमिता जोशी, निदेशक आयुर्वेद एमपी सिंह, उप सचिव आयुष गजेंद्र सिंह कफलिया आदि मौजूद थे।