उत्तराखंड

ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर उत्तराखंड सरकार के शासनादेश से हुआ बड़ा खुलासा, राजनीतिक दबाव बनाते हैं अधिकारी…

देहरादून। उत्तराखंड में ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के कतिपय अधिकारी राजनीतिक दबाव बना रहे हैं। प्रदेश सरकार ने आईएएस अफसरों के इस रवैये को बेहद गंभीरता से लिया है। यह खुलासा कार्मिक विभाग के शुक्रवार को जारी आदेश से हुआ जो ने सभी आईएएस अधिकारियों को भेजा गया है। सचिव कार्मिक एवं सतर्कता अरविंद सिंह ह्यांकी ने इस संबंध में सभी आइएएस को पत्र भेजा है। यह भी साफ किया गया है कि अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली के इस नियम का कोई उल्लंघन करता है तो उसकी सेवा पुस्तिका में इसकी बाकायदा उचित प्रविष्टि की जाएगी।

प्रदेश सरकार की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कार्यवाहक मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के सम्मान में अधिकारियों के खड़े न होने पर नाराजगी जताई थी। अगले ही दिन मुख्यमंत्री धामी ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश को बदलकर नौकरशाही को लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। इसके बाद नौकरशाही में उन्होंने बड़ा फेरबदल किया। इससे नौकरशाही में खलबली मचनी ही थी।

अब मुख्यमंत्री ने नौकरशाही को अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली का पाठ पढ़ाते हुए इसी के जरिये उस पर लगाम कसने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। चर्चा है कि हाल में नौकरशाही में हुए फेरबदल के बाद राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिशें की जा रही थीं। इसे देखते हुए सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। इसी कड़ी में सचिव कार्मिक एवं सतर्कता की ओर से उत्तराखंड संवर्ग के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को पत्र भेजा गया है।

आदेश में उत्तराखंड संवर्ग आईएएस अधिकारियों को ताकीद किया गया है कि वे अखिल भारतीय सेवाएं (आचरण) नियमावली 1968 का पालन करें।

नियमावली के नियम 18 के तहत आईएएस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने उच्चस्तर अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव बनाने का प्रयास न करें।

मुख्यमंत्री बनने के बाद से पुष्कर सिंह धामी ने नौकरशाही को कसने का अभियान छेड़ा है। सत्ता की कमान संभाले अभी उन्हें करीब 21 दिन ही हुए हैं। इस दौरान शासन में तैनात प्रशासनिक व्यवस्था का कुछ हद तक नक्शा बदल गया है।

पिछले दिनों ही भारतीय प्रशासनिक सेवा के 24 अफसरों को मुख्यमंत्री के निर्देश पर अदल-बदल दिया गया। इस फेरबदल में कई दिग्गज नौकरशाहों के नीचे से अहम महकमों की कुर्सियां खिसक गईं।

नौकरशाही में रद्दोबदल के इस अभियान के लपेटे में जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को भी देर सबेर आना है।

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