उत्तराखंड

देहरादून में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, विदेशी युवती समेत 7 गिरफ्तार, दिल्ली, यूपी तक था नेटवर्क

इस पूरे नेटवर्क को एक वेबसाइट के माध्यम से चलाया जा रहा था। लड़कियों की बुकिंग से लेकर डील तक इंटरनेट के ज़रिये फिक्स हो रही थी। पुलिस ने कैसे इस रैकेट का भंडाफोड़ किया, जानिए पूरा ब्योरा।

देहरादून। उत्तराखंड में देह व्यापार के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब पहले होटल में छापा मारा गया और वहां से गिरफ्तार की गई दो युवतियों की निशानदेही पर ए​क किराये के मकान में। जाखण इलाके में किराये के मकान में जिस्मफरोशी का धंधा चल रहा था। इस पूरे गिरोह के कुल 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि इन लोगों में एक विदेशी महिला भी शामिल है। इन सभी आरोपियों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस गिरोह के खिलाफ कार्रवाई एसओजी और मानव तस्करी निरोधी इकाई ने की।

पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए सभी सात लोगों के खिलाफ राजपुर थाने में अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इन आरोपियों के पास से कुछ कैश समेत चार मोबाइल फोन ज़ब्त किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि पूरा धंधा एक वेबसाइट के ज़रिये चलाया जा रहा था। कैसे चल रहा था पूरा रैकेट और किस तरह पुलिस ने इसका पर्दाफाश करते हुए गिरफ्तारी करने में सफलता पाई? पूरा ब्योरा जानिए।

मुखबिरों के नेटवर्क से मिला फायदा
पिछले कई दिनों से पुलिस को इस तरह की जानकारी मिल रही थी कि देह व्यापार का एक रैकेट सक्रिय है। मीडिया में आई एक खबर के मुताबिक यहां से पुलिस ने मुखबिरों को सक्रिय किया। फिर पुलिस के हाथ एक होटल का सुराग लगा। मुखबिरों की सूचना सही निकली और पुलिस ने एक होटल से एक विदेशी युवती समेत दो युवतियों को पकड़ा। इन्होंने पूछताछ के दौरान जाखण स्थित एक किराये के मकान में वेश्यावृत्ति का धंधा चलाए जाने की खबर दी। इस खबर पर पुलिस ने उस मकान से चार युवकों व एक अन्य महिला को हिरासत में लिया।

वेश्वावृत्ति की वेबसाइट और नेटवर्क
गिरफ्तार की गई एक महिला ने जैसा पुलिस को बताया, उसके मुताबिक रैकेट में शामिल युवकों का काम यह था कि वो दिल्ली, गाज़ियाबाद जैसे इलाकों में लड़कियों से संपर्क करते थे और वेश्वावृत्ति के लिए देहरादून लाते थे। कीमत होती थी कमाई का आधा हिस्सा। लड़कियों को एक वेबसाइट के ज़रिये बुक किया जाता था। बताया गया कि वेबसाइट पर संपर्क नंबर अपलोड किए जाते थे और ग्राहकों के कॉल या मैसेज आने पर डील फिक्स होती थी और लड़कियों को उनके बताए पतों पर भेजा जाता था।

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