देहरादून। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने मंगलवार को 10वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया, तो अधिकतर छात्रों में उत्साह और नंबरों से संतुष्टि देखी गई, लेकिन कुछ छात्र अपने रिज़ल्ट को लेकर मायूस भी दिखे। लेकिन इन छात्रों के लिए भी सीबीएसई ने बाकायदा परीक्षाएं करवाने का रास्ता निकाल लिया है। हालांकि पूरे उत्तराखंड में इस बार रिज़ल्ट बहुत बेहतर रहा है। देहरादून रीजन का रिज़ल्ट 99.23 फीसदी रहा क्योंकि कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार भी बोर्ड एग्जाम नहीं कराए गए थे, सीबीएसई ने 10वीं, 11वीं और 12वीं के इंटरनल एग्ज़ाम के अंको के फार्मूले के आधार पर रिज़ल्ट घोषित किए।
रिज़ल्ट की घोषणा के बाद दसवीं के छात्रों में काफी उत्साह देखा गया। ऋषिकेश की छात्रा राशि अरोड़ा ने 500 में से 498 यानी 99.60 फीसदी अंक हासिल किए। कुमाऊं में रुद्रपुर के छात्र धैर्य अरोरा ने भी 99.60 प्रतिशत अंकों के साथ 10वी में सफलता हासिल की। अंशित अग्रवाल ने 99.40 फीसदी और छात्रा अनन्या गर्ग ने 99.20 फीसदी अंक हासिल किए। देहरादून के दो इंटरनेशनल स्कूलों के छात्रों ने 99 फीसदी अंक हासिल कर दसवीं पास की। छात्रों का कहना है कि कोरोना की वजह से बोर्ड एग्ज़ाम न होने के चलते रिज़ल्ट काफी संतोषजनक रहा।
इस बार उत्तराखंड में सीबीएसई से 87 हज़ार 278 स्टूडेंट्स एनरोल्ड थे। रिज़ल्ट आउट होने के बाद स्टूडेंट्स के चेहरों से संतुष्टि झलक रही थी और ज्यादातर स्टूडेंट्स रिज़ल्ट से पहले ही क्लास 11 में एडमिशन ले चुके थे इसलिए स्कूल में ही स्टूडेंट्स के लिए रिज़ल्ट देखने की व्यवस्था भी की गई थी। वहीं, कुछ छात्रों की आपत्तियों को लेकर सीबीएसई के डायरेक्टर ने कहा कि जो स्टूडेंट्स अपने मार्क्स से खुश नहीं हैं, तो उसके लिए एग्ज़ाम करवाए जाएंगे।