Tuesday, March 28, 2023
Home ब्लॉग शहादत की ज्योति

शहादत की ज्योति

पिछली आधी सदी से इंडिया गेट पर प्रज्वलित ‘अमर जवान ज्योति’ हर देशवासी को राष्ट्र की बलिदानी गाथा से जोड़ती रही है। अमर जवान ज्योति 26 जनवरी, 1972 को अस्तित्व में आई थी, जिसे वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद जवानों की स्मृति में प्रज्वलित किया गया था। वहीं 25 फरवरी, 2019 को इसके निकट ही राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन हुआ, जहां आजाद भारत में शहीद हुए पच्चीस हजार से अधिक जवानों के नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित हैं, जिनकी याद में वहां भी अमर जवान ज्योति प्रज्वलित है। मोदी सरकार ने दोनों ज्योतियों के विलय के बारे में फैसला लिया था और देश के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जन्मशती को इस मौके के रूप में चुना। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया और ऐतिहासिक गलती सुधारने की बात कही। साथ उन असंख्य बलिदानी स्वतंत्रता सेनानियों का स्मरण किया जो त्याग और बलिदान के बावजूद चर्चाओं में न आ सके।

दरअसल, इंडिया गेट 1921 में प्रथम विश्व युद्ध तथा तीसरे एंग्लो अफगान युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में बनाया गया था। सत्ता पक्ष के लोग जहां इसे साम्राज्यवादी ब्रिटिश सत्ता का प्रतीक मानते रहे हैं वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि आजादी से पहले भारतीय सैनिकों के बलिदान को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। अतीत को लेकर एक समग्र दृष्टि की जरूरत है। बहरहाल, देश में एक समग्र राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की कमी जरूर पूरी हुई है जो देश के बहादुर शहीद सैनिकों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का ही पर्याय है। इसका निर्माण भी नई दिल्ली में विकसित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में इंडिया गेट के पास ही किया गया है जहां अमर जवान ज्योति का विलय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में प्रज्वलित ज्योति में हुआ है। निस्संदेह, कृतज्ञ राष्ट्र अपने शहीदों के बलिदान से कभी उऋण नहीं हो सकता है। उनके बलिदान की अखंड ज्योति हमेशा नई पीढ़ी को प्रेरणा देती रहेगी कि देश ने अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिये कितनी बड़ी कीमत चुकायी है।

बहरहाल, यह तार्किक ही है कि शहादत को समर्पित ज्योति को दिल्ली में एक ही स्थान पर रखा जाना चाहिए। हालांकि, इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति की अमिट स्मृतियां भारतीय जनमानस के दिलो-दिमाग में सदैव ही रही हैं। इस मार्ग से गुजरते लोगों का ध्यान बरबस इस ओर सम्मान से चला ही जाता था। वहीं सरकार व सेना का मानना रहा है कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ही वह एकमात्र स्थान हो सकता है जहां शहीदों को गरिमामय सम्मान मिल सकता है। दूसरी ओर, इंडिया गेट क्षेत्र में छत्र के नीचे जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा लगायी गई है, वहां कभी इंग्लैंड के पूर्व राजा जॉर्ज पंचम की प्रतिमा हुआ करती थी। निस्संदेह स्वतंत्र भारत में उसका कोई स्थान नहीं हो सकता था। माना जा रहा है कि इस महत्वपूर्ण स्थान में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा का लगाया जाना, उनके अकथनीय योगदान का सम्मान ही है।

विगत में सरकारों के अपने आदर्श नायक रहे हैं और उन्हीं के स्मारक नजर भी आते हैं, जिसके मूल में वैचारिक प्रतिबद्धताएं भी शामिल रही हैं। इसके बावजूद देशवासियों में आत्मसम्मान व गौरव का संचार करने वाले नायकों को उनका यथोचित सम्मान मिलना ही चाहिए जो कालांतर में आम नागरिकों में राष्ट्र के प्रति समर्पण व राष्ट्रसेवा का भाव ही जगाते हैं। शहादत की अमर ज्योति भी देशवासियों के दिलों में शहीदों के प्रति उत्कट आदर की अभिलाषा को ही जाग्रत करती है। वहीं स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमा देश की स्वतंत्रता की गौरवशाली लड़ाई का पुनर्स्मरण भी कराती है कि हमने आजादी बड़े संघर्ष व बलिदान से हासिल की थी। ऐसे में यदि ज्योति में ज्योति मिलने से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की आभा में श्रीवृद्धि होती है तो यह बलिदानियों का कृतज्ञ राष्ट्र द्वारा किया जाने वाला सम्मान ही कहा जायेगा। वहीं नेताजी की प्रतिमा लगने से इंडिया गेट को भी प्रतिष्ठा मिलेगी।

RELATED ARTICLES

बढ़ता कोरोना : जल्द तलाशना होगा उपाय

अनिरुद्ध गौड़ मौसम बदला तो तमाम बच्चे, बूढ़े हों या नौजवान हर कोई सर्दी, खांसी, जुखाम, सिरदर्द और बुखार आदि रोगों की चपेट में आ...

सत्र के बाद भी बना रहेगा मुद्दा

सवाल है कि संसद का बजट सत्र समय से पहले समाप्त हो जाने के बाद क्या भाजपा और कांग्रेस के उठाए मुद्दे समाप्त हो...

टेक्सटाइल मेगा पार्क- मेक इन इंडिया के तहत पूरी दुनिया के लिए भारतीय उत्पाद निर्माण की ओर एक बड़ा कदम

पीयूष गोयल   प्राचीन काल से चली आ रही भारतीय वस्त्रों की समृद्ध परंपरा, एक लंबी छलांग लगाने के लिए तैयार है, जो देश को...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

बद्रीनाथ हाईवे किनारे जगह-जगह लगे मलबे के ढेर, निस्तारण के लिए नहीं मिल पा रही जगह

गोपेश्वर। बद्रीनाथ हाईवे पर ऑल वेदर रोड परियोजना कार्य से निकले मलबे के निस्तारण के लिए एनएचआईडीसीएल को जगह नहीं मिल पा रही है। स्थिति...

ऋषिकेश एम्स में प्रदेश की पहली हेली एंबुलेंस सेवा का पायलट प्रोजेक्ट 18 अप्रैल को हो सकता है शुरु

ऋषिकेश। एम्स में प्रदेश की पहली हेली एंबुलेंस सेवा का पायलट प्रोजेक्ट 18 अप्रैल को शुरू हो सकता है। हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस टीम ने...

रमजान पर महंगाई से पाकिस्तान की जनता बेहाल, केले 500 रुपए तो अंगूर 1600 रुपए किलो बिक रहे

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आर्थिक तंगी का असर अब रमजान में भी देखने को मिल रही है। बता दें कि पाकिस्तान में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर...

गांधी परिवार खुद को सबसे अलग संविधान से ऊपर मानता है- भारतीय जनता पार्टी

नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह खुद को ‘सबसे अलग, कुलीन व संविधान से...

बद्रीनाथ-केदारनाथ में विशेष दर्शन के लिए अब वीआईपी को देने होंगे 300 रुपये, कपाट खुलने के साथ ही शुरू की जाएगी व्यवस्था

देहरादून। बद्रीनाथ-केदारनाथ में विशेष दर्शन के लिए अब वीआईपी को 300 रुपये देने होंगे। कपाट खुलने के साथ ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। अभी...

रामनगर में आज से शुरू होगी जी-20 समिट, मेहमानों की सुरक्षा को लेकर किए गए पुख्ता इंतजाम

देहरादून। उत्तराखंड के रामनगर में 28 से 30 मार्च तक चलने वाली जी-20 समिट आज मंगलवार से शुरू हो जाएगी। समिट में आने वाले मेहमानों...

राहुल गांधी को लगा एक और झटका, खाली करना होगा सरकारी बंगला

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कुछ दिन पहले ही उनको लोकसभा से अय़ोग्य करार...

बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय की अध्यक्षता में मंदिर समिति ने लगाई कई बड़े फैसलों पर मुहर

सलाहकार बने बीडी सिंह के जूनियर इंजिनियर रिश्तेदार सहित एक महिला कर्मी बर्खास्त देहरादून। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ समिति (बीकेटीसी) की बोर्ड बैठक में आगामी वित्त वर्ष 2023...

बवंडर ने मचाई भारी तबाही, 26 लोगों की मौत- सैकड़ों बेघर

मिसिसिपी। अमेरिका के मिसिसिपी में आए बवंडर ने भारी तबाही मचाई है। इस आपदा में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और...

सीएम धामी को खालिस्तानी आतंकवादी दे रहा धमकी, एसटीएफ ने जारी किए जांच के निर्देश

देहरादून। खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत पन्नू कॉल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी धमकी दे रहा है। कह रहा है कि यदि उत्तराखंड में उनके संगठनों...

Recent Comments