सड़कों, ऑफिसों और दुकानों में सन्नाटा, जानिए काबुल में कैसा रहा तालिबानी कब्जे का पहला दिन
काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान के कब्जे के एक दिन बाद सोमवार को सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा, लेकिन एयरपोर्ट पर हजारों की भीड़ मौजूद रही, जिनकी कोशिश किसी भी तरह अफगानिस्तान से निकलने की थी। तालिबान ने एक दिन पहले बिना किसी संघर्ष के काबुल पर कब्जा जमा लिया था और राष्ट्रपति अशरफ गनी को देश छोड़कर भागना पड़ा।
सोशल मीडिया पर तैरती अपुष्ट तस्वीरों और वीडियो में सैकड़ों की संख्या में लोगों को अपने सामान के साथ एयरपोर्ट टर्मिनल पर देखा जा सकता है। एयरपोर्ट पर सोमवार को भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लोगों को तितर बितर करने के लिए अमेरिकी फौजों ने गोलियां दाग दीं। लेकिन, तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से भयावह तस्वीरें खाली सड़कों, सरकारी दफ्तरों और अन्य जगहों की रहीं।
सड़कें, सरकारी दफ्तर और दूतावासों में सन्नाटा
एक स्थानीय निवासी ने कहा कि सरकारी दफ्तर खाली हैं। काबुल स्थित वजीर खान एंबेसी डिस्ट्रिक्ट सोमवार को पूरी तरह खाली हो गया। सभी राजनयिक अपने परिवारों और बच्चों के साथ शहर छोड़ गए या एयरपोर्ट पर अपनी फ्लाइट का इंतजार करते रहे। हालांकि भारी सुरक्षा व्यवस्था वाले इलाके में कुछ गार्ड चेक प्वाइंट पर दिखाई दिए – वहीं अपने वाहनों के साथ आने वाले लोग खुद ही बैरियर हटाकर वाहन को आगे बढ़ाते दिखे।
स्थानीय निवासी गुल मोहम्मद हाकिम ने रॉयटर्स से कहा, “यहां बैठकर खाली सड़कें देखना अजीब है। अब यहां राजनयिक काफिलों की व्यस्तता नहीं है। ना ही बड़ी कारें और उन पर लगी बंदूकें।” गुल मोहम्मद हाकिम अफगानिस्तान के इस पॉश इलाके में विख्यात अफगान नान रोटी की दुकान चलाते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं यही रोटी सेंकता और बेचता रहूंगा कि लेकिन मेरी कमाई नहीं होगी। यहां तैनात सिक्योरिटी गार्ड जो मेरे दोस्त थे, अब चले गए।’
उन्होंने कहा, “अभी तक कोई ग्राहक नहीं आया और मैं उनके इंतजार में तंदूर जला रहा हूं। मेरी पहली चिंता अपनी दाढ़ी बढ़ाने की है और कोशिश है कि यह तेजी से कैसे बढ़ें। मैंने अपनी पत्नी से भी पूछा है कि बच्चियों और उनके लिए पर्याप्त संख्या में बुर्का हैं कि नहीं।”
काबुल में रविवार की दोपहर जब तालिबानी लड़ाके शहर में घुसे तो सड़कें खाली थीं। ज्यादातर लोग अपने घरों में सिमटे हुए थे। पश्चिमी देशों के समर्थन वाली सरकार में पुलिस और सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारियों ने अपनी वर्दी उतारकर सामान्य कपड़े पहन लिए थे। वहीं अन्य लोगों ने सफेद स्कार्फ पहन लिया, जोकि तालिबान का आधिकारिक रंग है। सोमवार की सुबह अपनी बचत निकालने के लिए लोग बैकों की ओर दौड़ पड़े और उसके बाद खाद्य सामग्री इकट्ठा करने के लिए सुपर मार्केट की ओर दौड़े।
सन्नाटे में तालिबानी शासन की तैयारी
वर्ष 1996 से 2001 के तालिबानी शासन में अफगानी मर्दों को अपनी दाढ़ी कटवाने की इजाजत नहीं थी। वहीं औरतों को सार्वजनिक तौर पर पूरे शरीर को ढंकने वाला बुर्का पहनने की जरूरत थी। वहीं शहर के चिकन स्ट्रीट स्थित अफगानी दरी, हैंडक्राफ्ट और ज्वैलरी की दुकानें सहित छोटे-छोटे कैफे पर ताला लग गया।
काबुल में दरी और टेक्सटाइल्स स्टोर चलाने वाले शरजाद करीम स्टैनकजई ने रॉयटर्स को बताया कि अपनी दुकान में रखे सामान को सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने शटर बंद करने का सोने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, “मैं पूरी तरह सदमे में हूं। तालिबान का शासन मुझे डराता है, लेकिन राष्ट्रपति गनी का भाग जाना हमारी स्थिति को और खराब बनाता है।” उन्होंने कहा कि ‘पिछले सात सालों में इस युद्ध में मैंने अपने तीन भाइयों को गंवाया है। अब मुझे अपना व्यापार बचाना है।’ शरजाद ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि अगले ग्राहक कहां से आएंगे। मैं जानता हूं कि अब यहां कोई विदेशी पर्यटक नहीं आएगा। ना ही कोई अंतरराष्ट्रीय व्यक्ति काबुल आएगा।’
द आयरिश टाइम्स के मुताबिक काबुल की सड़कों पर महिलाओं को रोते हुए देखा जा सकता है। वे अपने घर जाना चाहती हैं और अपने मकान को सुरक्षित करना चाहती है। एक स्थानीय निवासी सैयद ने आयरिश टाइम्स को फोन पर बताया, “लोग डरे हुए हैं, वे अपने परिवार के लिए डरे हुए हैं। अपनी बीवियों और बच्चों के लिए खासतौर पर डरे हुए हैं।” उन्होंने कहा, “लोग भाग रहे हैं। सबकी कोशिश है कि किसी तरह कोई गाड़ी मिल जाए। यहां कोई टैक्सी नहीं है। पहले जिस सफर का किराया डेढ़ सौ रुपये के करीब था, अब पांच गुना बढ़ गया है।”
तोलो न्यूज के दफ्तर पहुंचा तालिबान
काबुल में ब्रिटिश उच्चायोग के दफ्तर से कुछ ही दूरी पर तोलो न्यूज का दफ्तर है। तोलो न्यूज अफगानिस्तान का सबसे बड़ा प्राइवेट न्यूज प्रसारणकर्ता है, जिसने पिछले कुछ सालों में तालिबान के खिलाफ संघर्ष में अपने कई पत्रकारों को खोया है। तालिबानी लड़ाके सोमवार को तोलो न्यूज के दफ्तर पहुंच गए। तोलो न्यूज के मालिक मोबी ग्रुप के प्रमुख साद मोहसेनी ने ट्विटर पर कहा, “अभी तक उनका व्यवहार विनम्र रहा है। उन्होंने हमारी सिक्योरिटी टीम के बारे में जानकारी ली। साथ ही इस बात पर भी सहमति जताई है कि वे तोलो न्यूज परिसर को सुरक्षित रखेंगे।”
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