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क्या वाकई वामपंथी विचार की होती हैं टेक कंपनियां, ट्विटर के सीईओ से सुनिए सच

5 जून 2021 को पूरे दिन भारत में भारत सरकार बनाम ट्विटर की लड़ाई चली है। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू समेत कई आरएसएस नेताओं के निजी हैंडल को अनवेरिफाइड करके ब्लू टिक को हटा दिया था। विरोध और बवाल के बाद ट्विटर ने वेंकैंया नायडू और मोहन भागवत सहित कई अन्य नेताओं के ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिक वापस कर दिया। मोदी सरकार और ट्विटर की लड़ाई पिछले साल से ही चल रही है। इस साल फरवरी में एक विवाद के बाद ट्विटर इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर (इंडिया एवं साउथ एशिया) महिमा कौल ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। सोशल मीडिया पर कई लोग ट्विटर को मोदी विरोधी बताते हैं। मोदी सरकार से पहले ट्विटर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप से भी उलझ चुका है और मोदी-ट्रंप की दोस्ती जगजाहिर है।

सीईओ ने कहा- मैं लेफ्ट विचारधारा का व्यक्ति हूं
पिछले साल डोनाल्ड ट्रंप से विवाद के ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी ने एक इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि जो लोग सोशल मीडिया दिग्गज के लिए काम करते हैं, उनके अपने पूर्वाग्रह हैं और उनका झुकाव वामपंथ की ओर अधिक है, हालांकि उन्होंने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी विचारधारा निजी और उससे उनकी कंपनी की पॉलिसी प्रभावित नहीं होती है।

उस इंटरव्यू में डॉर्सी से एक और सवाल पूछा गया कि क्या राजनीति को लेकर उनकी कोई विचारधारा है जिससे प्रभावित होकर ट्विटर फैसले लेता है? इस सवाल के जवाब में जैक डॉर्सी ने कहा कि नहीं, ट्विटर राजनीतिक चश्मे से फैसले नहीं लेता है, बल्कि कंटेंट के लिहाज से फैसले लिए जाते हैं और उसी के आधार पर किसी ट्वीट पर कार्रवाई होती है।

उन्होंने आगे कहा, ‘हमें यह लगातार बताने की जरूरत है कि हम अपना पूर्वाग्रह किसी पर थोप नहीं रहे हैं, जिसे मैं पूरी तरह से वामपंथी झुकाव मानता हूं। मुझे लगता है कि हमारे अपने पूर्वाग्रह को स्पष्ट करना और इसे लोगों के साथ साझा करना महत्वपूर्ण है ताकि लोग हमें समझें, लेकिन साथ ही हमें अपने काम करने के तरीके और अपनी नीतियों से अपने पूर्वाग्रह को अलग रखने की भी जरूरत है।’

जैक डॉर्सी ने यह इंटरव्यू उस वक्त दिया था जब टेक कंपनियों पर सार्वजनिक विचारों को प्रभावित करने का विवाद चल रहा था। उस दौरान एपल से लेकर स्पॉटिफाई तक ने दक्षिणपंथी टॉक शो होस्ट और सिद्धांतकार एलेक्स जोन्स के खिलाफ उनकी अभद्र भाषा को लेकर एक्शन लिए थे। Spotify, Facebook और YouTube ने जोन्स को ब्लॉक कर दिया था, जबकि एपल ने जोन्स की वेबसाइट Infowars के अधिकतर पॉडकास्ट को iTunes और पॉडकास्ट एप से डिलीट कर दिया था। ट्विटर ने भी जोन्स के अकाउंट को सस्पेंड कर दिया था।

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