उत्तराखंड में ढील के साथ प्रदेश में 6 जुलाई तक बढ़ेगा कोविड कर्फ्यू, वीकेंड पर पर्यटन स्थल खोलने की तैयारी
देहरादून। उत्तराखंड में साप्ताहिक कोविड कर्फ्यू को छह जुलाई तक बढ़ाया जाएगा। धीरे-धीरे अनलॉक की ओर बढ़ रही प्रदेश सरकार कोविड कर्फ्यू में कुछ और रियायत देने जा रही है। प्रदेश में बाजार शाम सात बजे तक खोलने की तैयारी है। इसके अलावा वीकेंड पर राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों को खोलने का भी निर्णय हो सकता है।
राज्य में कोविड के मामलों में कमी आने के बाद प्रदेश सरकार चरणबद्ध ढंग से अनलॉक की ओर बढ़ रही है। कोरोना के नए डेल्टा स्वरूप के खतरे को देखते हुए सरकार बाहरी राज्यों के लोगों के राज्य में प्रवेश को लेकर कोई ढील देने को तैयार नहीं है। इसलिए कर्फ्यू के दौरान जो बंदिशें बनी हुई हैं, उन्हें जारी रखा जाएगा।
शाम सात से सुबह छह बजे तक नाइट कर्फ्यू
उत्तराखंड में अब शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक नाइट कर्फ्यू रह सकता है। सप्ताह में पांच दिन दुकानें खुलेंगी और इनके समय को शाम पांच बजे से बढ़ाकर शाम सात बजे तक करने की तैयारी है।
शनिवार-रविवार को भी खोले जा सकते हैं प्रमुख पर्यटक स्थल
पर्यटन कारोबार को कोविड कर्फ्यू के प्रभाव से बचाने के लिए राज्य सरकार प्रमुख पर्यटक स्थलों को वीकेंड यानी शनिवार और रविवार के लिए खोल सकती है। मसूरी, नैनीताल, लैंसडौन, ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला, स्वर्गाश्रम, टिहरी झील समेत अन्य पर्यटक स्थलों को सशर्त खोलने की अनुमति देने पर विचार होगा।
इन्हें खोलने पर अभी विचार नहीं
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सरकार अभी सभी सामाजिक, राजनीतिक, खेल गतिविधियों, मनोरंजन, शैक्षिक व सांस्कृतिक समारोह और ऐसे सभी आयोजन जिनमें बड़ी तादाद में भीड़ जुटने की संभावना हो, को खोलने पर विचार नहीं करेगी। सभी प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थानों को खोलने का भी सरकार का अभी कोई इरादा नहीं है।
शासकीय प्रवक्ता, उत्तराखंड सरकार सुबोध उनियाल ने कहा बेशक कोरोना के मामले काफी कम हुए हैं, लेकिन संक्रमण का खतरा अभी नहीं टला है। हमें सावधानी से निर्णय लेने हैं। इसलिए कोविड कर्फ्यू को जारी रखा जाएगा। हालांकि इसमें कुछ और राहत दी जा सकती है। रविवार को इस संबंध में निर्णय ले लिया जाएगा।
प्रदेश में बंद कॉलेजों को फिर से खोलने की तैयारी
प्रदेश में लंबे समय से बंद चल रहे उच्च शिक्षण संस्थानों को छात्र-छात्राओं के लिए फिर से खोलने की तैयारी है। जिन जिलों में संक्रमण के मामले कम हैं पहले उन जिलों से कॉलेजों को खोलने की शुरूआत की जाएगी।
प्रदेश में कोविड की वजह से लगातार दूसरे साल भी विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं। पिछले साल छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट किया गया था। तब उनके आंतरिक मूल्यांकन के अंक थे, लेकिन इस बार यह व्यवस्था नहीं बन पा रही है।
यही वजह है कि विभाग कॉलेजों को खोलने की तैयारी में हैं। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि कॉलेजों को खोलने के लिए यूजीसी व केंद्र की गाइड लाइन का इंतजार है। जिन जिलों में कोविड के मामले कम हैं, उन जिलों से कॉलेजों को खोलने की शुरुआत की जा सकती है।
प्रवेश परीक्षा कराने के पक्ष में नहीं स्कूल
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों बोर्डों को जुलाई में 10वीं व 12वीं कक्षा का रिजल्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं। उधर स्कूल प्रबंधन भी पूरानी नीति के अनुसार ही 11वीं कक्षा में प्रवेश देने के लिए बोर्ड के परिणाम को ही आधार बनाने का मन बना रहे हैं। स्कूल प्रबंधनों का कहना है कि नई कक्षा में प्रवेश लेने के लिए कोई प्रवेश परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा।
निदेशक सीबीएसई रणवीर सिंह ने कहा बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर ही 11वीं कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। नई कक्षा में प्रवेश के लिए किसी अन्य परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा। पुरानी प्रवेश प्रक्रिया के आधार पर 11वीं कक्षा में प्रवेश दिए जाएंगे।