आई फ्लू क्या है? जानिए मानसून में इससे बचाव के 5 तरीके
देश में मानसून में आई फ्लू यानी कंजंक्टिवाइटिस के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। इसे गुलाबी आंख या लाल आंख के रूप में भी जाना जाता है। ऐसे में आंख से जुड़ी इस समस्या से बचाव के लिए लोगों को लगातार सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। आइये आज हेल्थ टिप्स में हम आपको 5 ऐसे तरीके बताते हैं, जिनकी मदद से आई फ्लू के संक्रमण से बचा जा सकता है।
बारिश के मौसम में अधिक होती है यह समस्या
आई फ्लू आंखों का संक्रमण है, जिसके कारण आंखों में लालिमा, दर्द और सूजन जैसी परेशानियां होती हैं। यह समस्या बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा फैलती है और यह आमतौर पर गंदगी, धूल-मिट्टी आदि की वजह से होने वाली एलर्जी के कारण होती है।
आई फ्लू से बचाव के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना है।इसके लिए नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छे से धोएं, खासकर सार्वजनिक वस्तुओं को छूने के बाद, भोजन के समय और शौचालय के इस्तेमाल के बाद।अपने पास हैंड सैनिटाइजर हमेशा साथ में रखें और दूषित सतहों या रेलिंग वगैरह को छूने के तुरंत बाद इसका इस्तेमाल करें।ऐसा करने से आप इसके संक्रमण से बच सकते हैं।
किसी भी तरह के संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए साफ-सफाई के टिप्स अपनाना बहुत जरूरी है।अगर आपके आस-पास गंदगी और धूल रहेगी तो इससे आंखों की जलन बढ़ सकती है और आई फ्लू होने की आशंका भी बढ़ जाती है।इससे बचाव के लिए खासतौर पर बारिश के मौसम में नियमित रूप से अपने आस-पास की सतहों और चीजों को एंटी-बैक्टीरियल सॉल्यूशन से अच्छे से साफ करें।
आई फ्लू दूषित व्यक्तिगत वस्तुओं जैसे तौलिया, रूमाल, आंखों के मेकअप और कॉन्टैक्ट लेंस से आसानी से फैल सकता है।मानसून के मौसम में इन वस्तुओं को दूसरों के साथ साझा करने से बचें। कोशिश करें कि आप इन वस्तुओं को अपने परिवार के सदस्यों के साथ भी साझा न करें क्योंकि इससे आई फ्लू का संक्रमण फैल सकता है।इसके अलावा अगर कोई सदस्य बीमार हो गया है तो उसका सामान अलग कर दें और उससे दूरी बनाकर रखें।
सेफ्टी चश्मे का इस्तेमाल करें
मानसून के दौरान भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए, लेकिन किसी कारणवश अगर आपको बाहर जाना पड़ रहा है तो इस दौरान आंखों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी चश्मे का इस्तेमाल करें।इसके लिए आप बाहर निकलने से पहले काला चश्मा, सनग्लास या अन्य सेफ्टी चश्मा पहनें।इसकी मदद से आपकी आंखें वायुजनित कणों, धूल-मिट्टी और बैक्टीरिया से बची रहेंगी, जिससे संक्रमण होने का खतरा कम हो जाएगा।
ज्यादातर लोग आंखों में चुभन होने, जलन होने या धूल चले जाने पर तुरंत आंख रगड़ने लगते हैं। ऐसा करने से आंखों को नुकसान होता है और इससे संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है।अगर आपको अपना चेहरे धोना है या आंखें साफ करनी है तो हमेशा साफ और फिल्टर्ड पानी का इस्तेमाल करें। साथ ही आंखों को छूने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके हाथ अच्छे से साफ हो।