उत्तराखंड : सरकार ने इस साल भी कावड़ मेले पर लगाई रोक, हरिद्वार पहुंचे तो दर्ज होगा केस
देहरादून। उत्तराखंड में इस साल भी कांवड़ मेला स्थगित किया गया है। कोरोना महामारी को देखते हुए कांवड़ मेले को साल 2020 की तर्ज पर स्थगित किया गया है। उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है। डीजीपी अशोक कुमार में पुलिस मुख्यालय सभागार में मीटिंग के दौरान यह बात कही। डीजीपी ने कहा कि जो कावड़ इसके बावजूद भी पहुंचेंगे उनके ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वर्ष 2019 में लगभग 3 करोड़ श्रद्धालु कावड़ यात्रा में पहुंचे थे। 2020 में वैश्विक महामारी में जहां पूरे देश लॉकडाउन था तो कावड़ यात्रा को भी रोका गया था।
ऐसे में 2021 में सरकार ने जहां कोविड के मद्देनजर कावड़ यात्रा पर ब्रेक लगाया है तो वहीे पुलिस भी अपने इंतजाम दुरुस्त करने के लिए अलर्ट मोड़ पर है। बताते चले कि मंगलवार को कांवड़ मेले को लेकर पुलिस मुख्यालय में इंटरस्टेट ऑनलाइन कॉर्डिनेशन मीटिंग हुई। इसमें कई राज्यों को बताया गया कि सभी राज्य अपने-अपने स्तर पर प्रचार प्रसार करें कि कोई भी कांवड़िया हरिद्वार न पहुंचे। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि थाने स्तर पर मीटिंग कर लोगों को जानकारी दी जाए।
जारी किए गए सख्त निर्देश
वहीं डीजीपी अशोक कुमार ने सख्त निर्देश जारी कर कहा कि कोई भी कावड़ी हरिद्वार पहुंचेगा तो उसे पहले उनको 14 दिन क्वारंटाइन किया जा सकता है। साथ ही बॉर्डर पर अतिरिक्त फोर्स भेजी जाएगी। बताते चले कि 23 जुलाई से 6 अगस्त तक कावड़ मेला होना है। लेकिन इस समय कोविड को देखते हुए यात्रा को स्थिगित किया गया है। आपको बतादें की मीटिंग में यूपी , हरियाणा ,हिमाचल और ऑनलाइन राजस्थान ,पंजाब ,चंडीगढ़,दिल्ली से पुलिस के बड़े अधिकारी शामिल रहे। डीजीपी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि स्थानीय मंदिरों में जलाभिषेक किया जाए।
सरकार की अलर्टनेस के बाद मुख्यालय स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे है। बड़ी चुनौतियों को देखते हुए डीजीपी ने ख़ुद मोर्चा संभाल लिया है। कई राज्य के अधिकारियों के साथ बात की जा रही है। साथ ही निर्देश दिया कि ऐसे में अगर कावड़ यात्रा में ब्रेक लगता है तो भी पुलिस के पास बड़ी चुनौती असामाजिक तत्व को रोकना होगा। बहरहाल पुलिस की तैयारियां पूरी है, ऐसा डीजीपी का कहना है।