उत्तराखंड

उत्तराखंड कैबिनेट: 19 स्थानीय विकास प्राधिकरण स्थगित, लेकिन पास करा सकते हैं नक्शा

उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2016 के बाद गठित हुए 19 स्थानीय विकास प्राधिकरणों को स्थगित तो कर दिया है, लेकिन इनमें शामिल क्षेत्रों के लोग चाहेंगे तो नक्शा पास करा सकेंगे। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गई।

कैबिनेट की बैठक में प्रमुखता से यह मुद्दा उठा कि जिन 2016 के बाद बने प्राधिकरणों को स्थगित किया गया है, वहां के निवासियों को नक्शा पास कराने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।

तमाम ऐसे लोग हैं जो कि ऋण लेकर मकान या व्यावसायिक प्रतिष्ठान बनाते हैं, जिसमें नक्शे की अनिवार्यता होती है। लिहाजा, तय किया गया है कि इन क्षेत्रों के लोग अगर चाहेंगे तो संबंधित जिला विकास प्राधिकरण से अपना नक्शा पास करा सकेंगे। नक्शा पास कराने की कोई अनिवार्यता नहीं है।

यह प्राधिकरण हुए हैं मार्च में स्थगित
स्थानीय विकास प्राधिकरण गैरसैंण, गोचर, चमोली-गोपेश्वर, औली, बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, पौड़ी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, कौसानी-ल्वेशाल, चंपावत, हल्द्वानी-काठगोदाम, रामनगर, बाजपुर, किच्छा, काशीपुर और रुद्रपुर मार्च में स्थगित हो गए थे।

2016 से पूर्व के यह प्राधिकरण

  • मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण।
  • हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण।
  • दूनघाटी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, देहरादून।
  • नैनीताल झील परिक्षेत्र विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, नैनीताल।
  • गंगोत्री विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, उत्तरकाशी।

होटल अलकनंदा सहित कई प्रतिष्ठानों का मानचित्र शुल्क माफ
कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रतिष्ठानों के नक्शों से जुड़े भारी-भरकम शुल्क को माफ करने का फैसला लिया गया है। इसके तहत हरिद्वार में होटल अलकनंदा के कुल 50 लाख, 76 हजार 335 रुपये में से लेबर सेस का 11 लाख 13 हजार 884 रुपये छोड़कर बाकी का 39 लाख, 62 हजार 451 रुपये की धनराशि माफ कर दी गई है। धर्मावाला, विकासनगर में हॉस्पिटल भवन मानचित्र के 47 लाख एक हजार 319 रुपये में से लेबर सेस का 15 लाख तीन हजार 344 रुपये छोड़कर बाकी 31 लाख, 97 हजार 975 रुपये माफ कर दिए गए। तरला नागल में गरीब तिब्बती शरणार्थियों की आवासीय परियोजना के तहत मानचित्र के एक करोड़ 63 लाख 49 हजार 752 रुपये और अखिल भारतीय महिला आश्रम छात्रावास के मानसित्र शुल्क के दो लाख 13 हजार 981 रुपये शुल्क को माफ कर दिया गया है।

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