Home ब्लॉग आदिवासियों का मसीहा-बिरसा मुण्डा

आदिवासियों का मसीहा-बिरसा मुण्डा

सहदेव देशमुख

आदिवासियों का मसीहा या भगवान कहे जाने वाले बिरसा मुण्डा अब केवल आदिवासियों के ही नहीं अपितु हर उस समुदाय के नेतृत्वकत्र्ता माने जाते हैं, जिन्होंने समाज, प्रांत और देश में पनप रही कुव्यवस्था का विरोध करते हों। अपने जीवनकाल में उन्होंने कहा कि ‘आदमी के देह (शरीर) को मारा जा सकता है, लेकिन उनके विचारों को नहीं।’ यह बिरसा मुण्डा और उनके समर्थकों के लिए किसी सूक्त वाक्य से कम नहीं था। वे सिद्धान्त: इसे किसी वेदवाक्य की तरह पालन करते थे। उनका जन्म बिहार (वर्तमान झरखण्ड) के खूंटी जिले के उलीहातु गांव में 15 नवम्बर 1875 को हुआ था। उनके पिता का नाम सुगना पूर्ति और माता का नाम करमी पूर्ति था। वास्तव में पूर्ति को मुण्डा या मुण्डाईन कहा जाता है।

बिरसा, आदिवासी निषाद समुदाय से थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा साल्गा गांव में हुई तत्पश्चात् आगे पढ़ाई के लिए उन्हें चाईबासा के गोसनर एवेंजिलकल लुथार (जी.ई.एल.)चर्च स्कूल में भेजा गया। इसी दौरान भारत में अंग्रेजी सत्ता और उसके द्वारा भारतीयों, विशेषकर आदिवासियों पर हो रहे बुरे बर्ताव का उनके किशोर मन में गहरा असर पड़ा। मात्र 19 वर्ष की अवस्था में उन दिनों फैली महामारी के दौरान लोगों की सेवा की। भयंकर अकाल और महामारी से त्रस्त जनता की सेवा का ही प्रतिफल था, कि बिरसा मुण्डा में नेतृत्वकत्र्ता का गुण विकसित हुआ और उनके कई समर्थक बनते गए। निरन्तर बढ़ रहे सहयोगियों के कारण वे अंग्रेजी हुकूमत की बुरी नीतियों का विरोध करने लगे। उन्होंने अंग्रेजी सरकार द्वारा किसानों पर लगाए जा रहे लगान (टैक्स) का विरोध अपने मुण्डा समर्थकों के बूते 1 अक्टूबर 1894 को शुरु कर दिया। जगह-जगह हो रहे आन्दोलन में बतौर नेतृत्वकत्र्ता बिरसा मुण्डा ही जाते थे। इसके कारण उन्हें 1895 में गिरफ्तार कर दो साल के लिए हजारीबाग केन्द्रीय कारागार में डाल दिया गया। यही एक आन्दोलन था, जिसने मुण्डा समुदाय के युवाओं के बीच संगठन क्षमता विकसित की। सन् 1897 से 1900 तक मुण्डा समुदाय और अंग्रेज सिपाहियों के बीच युद्ध होते रहे।

इसी अंतराल में अगस्त 1897 में बिरसा मुण्डा और उनके 400 साथियों ने तीर कमानों से लैस होकर खूंटी थाने पर धावा बोल दिया। 1898 में तांगा नदी के किनारे पर अंग्रेज सिपाहियों और मुंडाओं के बीच मुठभेड़ हुआ। मुण्डा दल जीत गया, लेकिन उसके बाद अंग्रेजी हुकूमत द्वारा कई मुण्डा युवाओं को गिरफ्तार कर लिया गया। जनवरी 1900 में डोम्बरी पहाड़ पर हुए संघर्ष में कई बच्चे, महिलाएं एवं युवा मारे गए थे। इस दौरान वे एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। अंग्रेजी सरकार, निरंकुश भारतीय शासक एवं बेईमान जमीदारों के खिलाफ किया गया मुण्डा विद्रोह आज भी इतिहास के पन्ने में अंकित है। इस  आन्दोलन को उन्नीसवीं सदी का महत्त्वपूर्ण जनजातीय आन्दोलन माना जाता है। इस आन्दोलन को वहां की स्थानीय बोली में ‘उलगुला’ कहा जाता है। मुण्डा विद्रोह झारखण्ड का सबसे बड़ा और खून से सराबोर कर देने वाला अन्तिम जनजातीय विद्रोह था, जिसमें हजारों की संख्या में मुण्डा आदिवासी शहीद हुए। अन्तत: 3 फरवरी 1900 को स्वयं बिरसा मुण्डा चक्रधरपुर के जमकोपाई जंगल से गिरफ्तार कर लिए गए। उन्हें रांची जेल में रखा गया, जहां 9 जून 1900 को 24 वर्ष 06 माह 24 दिन की आयु में उनका निधन हो गया। उनके निधन को लेकर भी सहमत-असहमत के विचार हैं। कुछ लोग उनका निधन हैजे से तो कुछ विद्वान अंग्रेज सरकार द्वारा  जहर देकर मार डालने की बात कहते हैं।

बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में भगवान की तरह पूजे जाने वाले बिरसा मुण्डा की समाधि कोकर (रांची) के निकट डिस्टीलरी पुल के पास स्थित है, जहां उनकी मूर्ति भी स्थापित की गई है। उनकी स्मृति में रांची स्थित जेल को बिरसा मुण्डा केन्द्रीय कारागार और विमान स्थल को बिरसा मुण्डा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नामकरण किया गया है। भारत सरकार ने अभी हाल ही में बिरसा मुण्डा के जन्म दिवस 15 नवम्बर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप मनाने की घोषणा की, जो न केवल उनकी स्मृति को अक्षुष्ण बनाए रखने, अपितु देश के जनजातीय समुदाय की भावताओं का सम्मान करने वाला है।

RELATED ARTICLES

सेहत में बड़ा सहारा, पैंसठ वर्ष से अधिक आयु के लोगों को भी स्वास्थ्य बीमा

मनोज भूटानी गंभीर और ऐसी बीमारियों, जिनके इलाज में भारी रकम खर्च करनी पड़ती है, स्वास्थ्य बीमा लोगों के लिए बहुत बड़ा सहारा साबित होता...

युवाओं में हार्ट अटैक- सिर्फ एक नहीं, कारण अनेक

 -अतुल मलिकराम यार उसे हार्ट अटैक कैसे आ सकता है? वह तो हट्टाकट्टा जवान और एकदम फिट था! पिछले दो-चार सालों में हार्ट अटैक के...

गरीब और पिछड़े वर्गों के हितों का ध्यान रखें

कार्यस्थल पर कोई भी निर्णय लेते समय देश के गरीब और पिछड़े वर्गों के हितों का ध्यान रखें। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय आर्थिक...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

हीट वेव को लेकर एहतियात बरतने की दी गई सलाह 

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से कार्यशाला का आयोजन  देहरादून। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से शुक्रवार को हीट वेव...

राष्ट्रपति के दून प्रवास के दौरान अपराधियों ने कानून व्यवस्था का उड़ाया मखौल

पलटन बाजार की आगजनी की घटना जर्जर कानून व्यवस्था का नमूना - कांग्रेस पुलिस की लापरवाही घटना के लिए जिम्मेदार- सूर्यकान्त धस्माना देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस...

आईपीएल 2024 के 42वें मैच में आज कोलकाता नाइटराइडर्स से भिड़ेगी पंजाब किंग्‍स

कोलकाता। आईपीएल 2024 के 42वें मैच में कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) का सामना पंजाब किंग्‍स (PBKS) से होना है। यह मैच 26 अप्रैल को कोलकाता...

उत्तराखंड संस्कृत बोर्ड- 10वीं और 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम जारी

दसवीं में 754 और 12वीं में 722 छात्रों ने दी थी परीक्षा  12वीं में पौड़ी गढ़वाल के आयुष ममगाई ने किया टॉप  10 वीं बोर्ड परीक्षा...

वरुण धवन के फैंस को मिला सरप्राइज, फिल्म ‘बेबी जॉन’ का नया पोस्टर रिलीज

वरुण धवन इन दिनों अपनी अगली फिल्म बेबी जॉन को लेकर चर्चा में हैं। इसी बीच इस फिल्म से जुड़ा एक बड़ा अपडेट सामने...

तेल कलश गाडू घड़ा यात्रा के दर्शन के लिए ऋषिकेश में उमड़ी भक्तों की भीड़, 11 मई की शाम को पहुंचेगी बद्रीनाथ 

कल श्रीनगर के लिए होगी रवाना ऋषिकेश। तेल कलश गाडू घड़ा यात्रा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी उमड़ी। आज रात मुनि की...

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में यूपी की आठ सीटों पर मतदान जारी 

उत्तर प्रदेश। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज यूपी की आठ सीटों पर मतदान जारी है। अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़...

सीलिंग फैन की तेज आवाज से हो रही है परेशानी, तो आजमाएं ये आसान ट्रिक्स

क्या आपके घर का पंखा ज्यादा शोर कर रहा है? अगर हां, तो परेशान न हों. अक्सर बहुत से लोग इसी तरह की समस्या...

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड में लिखी जा रही विकास की नई गाथा- मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री ने हैदराबाद में प्रवासी उत्तराखंडियों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किया प्रतिभाग हैदराबाद/ देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज हैदराबाद में प्रवासी उत्तराखंडियों द्वारा...

आचार संहिता के उल्लंघन मामले में फंसे पीएम मोदी और राहुल गांधी, चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने गुरुवार (24 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन करने का...

Recent Comments