उत्तराखंड

हरिद्वार में कानून का डंडा: पुलिस की निष्पक्ष कार्रवाई और एसएसपी परमेंद्र डोबाल का मजबूत नेतृत्व

हरिद्वार। जहां गंगा की लहरें हर सुबह न्याय का संदेश सुनाती हैं, हाल के दिनों में कुछ घटनाओं ने शहर के शांत माहौल को झकझोर दिया। राजनीति और अपराध के इस संगम में हरिद्वार पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कानून के राज को मजबूत किया। एसएसपी परमेंद्र डोबाल के नेतृत्व में पुलिस ने न केवल अपराधियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, बल्कि राजनीति के मैदान में उपजे टकराव को भी निष्पक्षता और दृढ़ता से संभाला।

उमेश कुमार बनाम कुंवर प्रणव सिंह ‘चैंपियन’: पुलिस की असल परीक्षा

विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह ‘चैंपियन’ के बीच हालिया विवाद ने हरिद्वार को एक हाई-वोल्टेज ड्रामा का केंद्र बना दिया। दोनों पक्षों के बीच गरमागरम बहस और तकरार जब सड़कों तक पहुंची, तब स्थिति हाथ से बाहर जा सकती थी। पुलिस के सामने चुनौती बड़ी थी—क्या वह तटस्थ बनी रहेगी या किसी दबाव में झुकेगी?

हरिद्वार पुलिस ने पूरी परिपक्वता के साथ दोनों पक्षों के खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमे दर्ज किए। उमेश कुमार पर BNS की धाराओं 190, 191(2), 191(3), 351(3), 352, 189(2), 190, 121,132, 221 और 61(2) में मुकदमें दर्ज हुए
जबकि कुंवर प्रणव सिंह ‘चैंपियन’ पर BNS की धाराओं 109, 190, 115(2), 191(2), 191(3), 324(4), 333, 351(3) और 352 में मुकदमा हुआ । इससे पुलिस की मंशा साफ हो गई—कानून का डंडा सभी पर समान रूप से चलता है।

स्थिति को और बिगड़ने से पहले पुलिस ने प्रस्तावित सर्वसमाज की बैठक पर भी रोक लगा दी। यह बैठक अगर हो जाती, तो हालात काबू से बाहर हो सकते थे। लाठीचार्ज और त्वरित कार्रवाई ने यह सुनिश्चित किया कि शांति बनी रहे।

असलहों के लाइसेंस पर सख्ती

इस मामले में पुलिस ने एक और बड़ा कदम उठाया। दोनों पक्षों के पास मौजूद असलहों के लाइसेंस की समीक्षा हुई। पुलिस ने इन लाइसेंसों के निरस्त करने की सिफारिश की है, ताकि भविष्य में हथियारों का दुरुपयोग न हो सके। यह कदम दिखाता है कि पुलिस केवल आग बुझाने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि भविष्य की चुनौतियों से भी निपटने की तैयारी करती है।

बाबा तरसेम हत्याकांड और ज्वैलरी डकैती में पुलिस की निर्णायक कार्रवाई
मार्च 2024 में बाबा तरसेम सिंह की हत्या ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी। एसएसपी पटमेंद्र डोबाल के नेतृत्व में हरिद्वार पुलिस ने एसटीएफ के साथ मिलकर मुख्य आरोपी अमरजीत सिंह को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। यह सिर्फ एक अपराधी का अंत नहीं था, बल्कि एक संदेश था कि अपराधी बच नहीं सकते।

सितंबर 2024 में बालाजी ज्वेलर्स में दिनदहाड़े हुई डकैती भी पुलिस के लिए परीक्षा साबित हुई। इस बार भी पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए एसएसपी परमेन्द्र डोबाल के नेतृत्व में हरिद्वार पुलिस ने एक लाख के इनामी बदमाश सतेंद्र पाल उर्फ लक्की को मुठभेड़ में मार गिराया। लूटे गए आभूषण बरामद कर बाकी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

रात्रि चेकिंग और अपराध नियंत्रण
एसएसपी परमेंद्र डोबाल की पहल पर हरिद्वार में रात्रि चेकिंग अभियान चलाया गया, जिसने अपराधियों के हौसले पस्त कर दिए। संदिग्धों की नियमित निगरानी, वाहनों की सघन जांच और पेट्रोलिंग ने अपराधों पर लगाम लगाने में बड़ी भूमिका निभाई।

दृढ़ता और निष्पक्षता का नया मानदंड
हरिद्वार पुलिस की यह कार्रवाई एक मिसाल है कि कानून के सामने न कोई बड़ा है, न छोटा। एसएसपी परमेंद्र डोबाल के कुशल नेतृत्व में पुलिस ने न केवल अपराधियों पर शिकंजा कसा, बल्कि राजनीतिक विवाद को भी सटीक तरीके से संभाला। यह अभियान जनता के लिए सुरक्षा का आश्वासन है और अपराधियों के लिए चेतावनी कि हरिद्वार में कानून का डंडा हमेशा तैयार है।

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