सनसनीखेज खुलासा : चीनी जालसाजों को 2700 सिम भेजने वाला गिरफ्तार, 11 पहले पकड़े गए
चीनी जालसाजों द्वारा पांच लाख से ज्यादा भारतीयों को ठगने के मामले में बृहस्पतिवार को बड़ा व सनसनीखेज खुलासा सामने आया है। नोएडा की एक टेलीकॉम कंपनी मालिक ने करीब 2700 सिम उक्त जालसाजों को ठगी करने व अन्य कामों के लिए चीन भेजे थे।
पिछले साल भेजे गए सभी सिम एक्टीवेट थे और कंपनी व कर्मचारियों के नाम रजिस्टर्ड थे। इतनी बड़ी संख्या में सिम चीन भेजने से भारत सरकार सकते में आ गई है। पुलिस अधिकारियों ने इस बात की आशंका व्यक्त की है कि सिम का भारत सरकार के खिलाफ या फिर जासूसी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा हो।
दिल्ली पुलिस के पुलिस मुख्यालय में बैठने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टेलीकॉम कंपनी के मालिक का नाम सतेंद्र सिंह है। वह गाजियाबाद का रहने वाला है। साइबर सेल ने जब चीनी ठगों के इस गिरोह का पर्दाफाश किया तो पकड़े गए सिम इस कंपनी के कर्मचारियों के नाम रजिस्टर्ड थे।
साइबर सेल की टीम बृहस्पतिवार को टेलीकॉम कंपनी के कार्यालय पहुंची तो ये खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस ने सतेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में बताया कि उसने पिछले वर्ष करीब 2700 सिम चीन भेजे थे। सभी सिम कंपनी व उसके कर्मचारियों के नाम रजिस्टर्ड थे और एक्टीवेट थे। आरोपी ने बताया कि उसे चीनी जालसाजों से प्रति सिम करीब 560 रुपये मिले थे।
सतेंद्र सिंह की इंटरनेशनल टेलीकॉम कंपनी है, मगर उसे इस तरह भारतीयों के नाम रजिस्टर्ड एक्टीवेटेड सिम विदेश में भेजने का अधिकार नहीं है। दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने इस बात की आशंका व्यक्त की है कि हो सकता है इन सिम का चीन में भारत विरोधी गतिविधियों का इस्तेमाल किया जा रहा हो। चीनी जालसाजों द्वारा ठगी मामले में ये 12वीं गिरफ्तारी है। साइबर सेल की टीमें दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में दबिश दे रही हैं।
नौ करोड़ रुपये विदेश में जा चुके हैं
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से नौ करोड़ रुपये विदेशों में जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज से ये पुष्ट हुआ है कि नौ करोड़ रुपयों को क्रिप्टो करेंसी में बदलवाया गया है और ये करेंसी कई देशों में गई है। ये पता किया जा रहा है कि ये करेंसी किन-किन देशों में गई है।