Saturday, September 30, 2023
Home ब्लॉग आत्मनिर्भरता की पहल

आत्मनिर्भरता की पहल

मंगलवार को जब संसद में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना चौथा आम बजट पेश किया तो कई मायनों में यह अलग था। कई परंपराएं बदलीं, ये पेपरलेस बजट और भाषण संक्षिप्त था। पांच राज्यों के चुनाव के बीच आये बजट में भले ही नये करों का प्रावधान नहीं था, लेकिन यह लोकलुभावन बजट भी नहीं था। वर्ष 2022-23 के बजट में नौकरीपेशा वर्ग को आयकर में छूट न मिलने पर निराशा जरूर हुई, जो कोरोना संकट में आय संकुचन के दौर में राहत की उम्मीद लगाये हुए था। दरअसल, सरकार का पूरा ध्यान इन्फ्रास्ट्रक्चर पर रहा। लेकिन महंगाई और बेरोजगारी दूर करने को बड़ी पहल होती नजर नहीं आई। सरकार का कहना है कि अमृतकाल में देश को आत्मनिर्भर बनाने की पहल हुई है।

इसके अलावा भारत में दखल बनाती क्रिप्टो करंसी पर तीस फीसदी टैक्स लगाने, इसके लेन-देन में टीडीएस लगाने, आरबीआई द्वारा इस वर्ष डिजिटल करंसी जारी करने, डाकघरों को मुख्य बैंकिंग व्यवस्था से जोडऩे, ई-पासपोर्ट सेवा आरंभ करने जैसी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं बजट में की गई। वहीं पूर्वोत्तर के विकास हेतु 1500 करोड़ रुपये आवंटित करने तथा आगामी तीन सालों में चार सौ वंदे भारत ट्रेनों के परिचालन की घोषणा की गई। सरकार ने अर्थव्यवस्था में गति लाने के क्रम में राजस्व घाटा 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है तथा वर्ष 2022-23 में कुल खर्च 39.45 लाख करोड़ रुपये रहने का आकलन है। वहीं विपक्ष कह रहा है कि देश में रिकॉर्ड महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने के लिये कोई ठोस पहल नहीं हुई है। कोरोना संकट से जूझते आम आदमी को यह बजट राहत नहीं देता। यह भी कि एक ओर सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा तथा पर्यावरण सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात करती है, वहीं नदी जोड़ योजना के जरिये पारिस्थितिकीय संतुलन से खिलवाड़ कर रही है।

दरअसल, लगातार दो साल से महामारी का दंश झेल रहे और आय के स्रोतों के संकुचन से त्रस्त लोग आस लगाये बैठे थे कि सरकार की तरफ से उनकी क्रयशक्ति बढ़ाने की दिशा में पहल होगी। मगर सरकार ने आपूर्ति शृंखला को ही प्राथमिकता दी है। लेकिन आपूर्ति बढ़ाना तभी सार्थक होगा, जब लोगों की क्रय क्षमता बढऩे से बाजार में मांग बढ़ेगी। वह भी उन वैश्विक रिपोर्टों के बीच कि कोरोना संकट में देश के अस्सी फीसदी लोगों की आय में संकुचन हुआ है और अमीर लोगों की आय दुगुनी से अधिक हो गई है। वहीं लंबे किसान आंदोलन के बाद उम्मीद थी कि सरकार किसानों को राहत देने के लिये कुछ बड़ा करेगी क्योंकि प्रधानमंत्री ने इस साल तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य रखा था। कुछ लोग देश की आधी आबादी को रोजगार देने वाले कृषि क्षेत्र की आय को बढ़ाने के लिये बड़ी पहल की उम्मीद कर रहे थे।

निस्संदेह कोरोना संकट में कृषि क्षेत्र ने ही भारतीय अर्थव्यवस्था को संबल दिया था। वहीं पीएम किसान सम्मान निधि में वृद्धि की उम्मीद भी जतायी जा रही थी। हालांकि, बजट में किसान ड्रोन, प्राकृतिक खेती, लैंड डिजिटाइजेशन, एमएसपी के लिये 2.37 लाख करोड़ रखने, नाबार्ड के जरिये कृषि स्टार्टअप्स के वित्तीय पोषण, 1208 मीट्रिक टन धान-गेहूं की खरीद के प्रावधान रखने से किसानों को राहत देने की पहल जरूर हुई है। दूसरी ओर वक्त की जरूरत के हिसाब से एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग और कॉमिक्स सेक्टर में रोजगार को बढ़ावा देने के लिये प्रमोशन टास्क फोर्स बनाने का फैसला किया गया है। साथ ही व्यावसयिक शिक्षा के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने का निर्णय हुआ है। अगले पांच साल के लिये छह हजार करोड़ रुपये का प्रावधान बताता है कि एमएसएमई सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। दो लाख आंगनवाड़ी अपग्रेड करने का मकसद कुपोषण व अशिक्षा के खिलाफ लड़ाई को तेज करने का प्रयास है। लेकिन हेल्थ सेक्टर में महामारी के दौर में अपेक्षित बजट वृद्धि की कमी खलती है।

इसके बावजूद साठ लाख रोजगारों का सृजन, अस्सी लाख घर बनाने का लक्ष्य, डाकघरों में एटीएम, पीएम ई-विद्या टीवी चैनल बढ़ाने तथा पच्चीस हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का लक्ष्य सरकार के कल्याणकारी एजेंडे को ही दर्शाता है।

RELATED ARTICLES

अजरबैजान ने मौके का फायदा उठाया

श्रुति व्यास कत्लेआम तो टल गया लेकिन उसने बड़े पैमाने पर पलायन का स्वरुप ले लिया। पिछले हफ्ते अजऱबैजान ने अपनी ही नागोर्नो-काराबाख़ पर सैन्य...

मेडिकल पढ़ाई की गुणवत्ता क्या रह गई?

अजीत द्विवेदी वैसे तो पिछले कुछ समय से जीवन के हर क्षेत्र में गिरावट आ रही है। हर चीज की गुणवत्ता खराब हो रही है।...

समान नागरिक संहिता पर क्या हो रहा है?

क्या केंद्र सरकार जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई कमेटी की सिफारिशों के आधार पर देश में समान नागरिक कानून लागू करेगी? इस मामले की क्रोनोलॉजी...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

फिल्म एनिमल का टीजर जारी, रणबीर कपूर का दिखा धांसू अवतार

रणबीर कपूर स्टारर फिल्म ‘एनिमल’ साल 2023 की मोस्ट अवेटेड फिल्म है। इस फिल्म के इंटेंस पोस्ट जारी होने के बाद से फैंस फिल्म...

वायु प्रदूष से निपटने के लिए दिल्ली सरकार तैयार, केजरीवाल ने जारी किया ‘विंटर एक्शन प्लान’

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी त्योहारी सीजन की तैयारी के लिए वायु प्रदूषण से निपटने के उद्देश्य से 15 सूत्री विंटर...

लंदन से दून लौटने पर अपने सीएम के स्वागत में उमड़े भाजपाई

मंत्री, विधायक व संगठन से जुड़े नेताओं ने किया सीएम धामी का खुलकर स्वागत देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के यूनाइटेड किंगडम दौरे के बाद...

दो हजार के नोट बदलने का आज आखिरी दिन, चार बजे तक मिलेगी सुविधा

नोएडा। दो हजार के नोट बदलने के लिए शनिवार अंतिम दिन है। बैंक में चार बजे तक जबकि एटीएम में रात 12 बजे तक यह...

दर्दनाक हादसा- तालाब में डूबने से तीन सगे भाइयों की मौत, गांव में पसरा मातम

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां तालाब में नहाने गए तीन सगे भाइयों की मौत हो गई।...

दांतों की साफ-सफाई से कम होता है सिर और गर्दन के कैंसर का खतरा, शोध में हुआ खुलासा

हाल ही में कई देशों के शोधकर्ताओं ने मिलकर एक अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि जिन लोगों के दांत अच्छी हालत में रहते...

किसानों के लिए बेहतर साबित होगा कोल्ड स्टोरेज- डॉ. धन सिंह रावत

थलीसैंण के जल्लू गाँव में 33.86 लाख की लागत से स्थापित हुआ कोल्ड स्टोरेज उद्यान विभाग द्वारा बीजीय आलू को खरीदकर अन्य जगह उसकी सप्लाई...

बिना शादी के गर्भवती हुई युवती, भाई और मां ने पेट्रोल डालकर जिंदा जलाया

हापुड़। यूपी के हापुड़ में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक युवती को उसके परिजनों ने जलाकर मारने का प्रयास...

उत्तराखंड के ग्रामीण विकास को लेकर हुआ चिंतन शिविर का आयोजन

ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियो को दी संजीवनी देहरादून। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून के राजपुर स्थित सीएसआई इंस्टिट्यूट के सभागार...

अजरबैजान ने मौके का फायदा उठाया

श्रुति व्यास कत्लेआम तो टल गया लेकिन उसने बड़े पैमाने पर पलायन का स्वरुप ले लिया। पिछले हफ्ते अजऱबैजान ने अपनी ही नागोर्नो-काराबाख़ पर सैन्य...

Recent Comments