उत्तराखंड

कई अड़चनों के बीच नए वन प्रमुख के चयन की तैयारी, देखिये जानकारी

देहरादून। प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद नए वन प्रमुख के चयन की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि इसमें कई अड़चनें हैं, जब तक यह दूर नहीं हो जातीं प्रदेश को नया वन प्रमुख नहीं मिलेगा। वन प्रमुख के पद से हटाए गए राजीव भरतरी ने उन्हें कार्यकाल पूरा होने से पहले हटाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में वाद दायर किया है।

हाईकोर्ट ने फिलहाल डीपीसी के निष्कर्ष (रिजल्ट) को लागू करने पर रोक लगाई है। ऐसे में डीपीसी होती है तो भी वाद के निपटारे के बाद ही इस पद पर निर्णय लिया जाएगा। हाईकोर्ट में दायर याचिका में आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी ने कहा है कि वह उत्तराखंड में भारतीय वन सेवा के वरिष्ठतम अधिकारी हैं, लेकिन सरकार ने 25 नवंबर 2021 को उनका स्थानांतरण प्रमुख वन संरक्षक के पद से अध्यक्ष जैव विविधता बोर्ड के पद पर कर दिया था।

इसको उन्होंने संविधान के खिलाफ मानते हुए सरकार को चार प्रत्यावेदन दिए, लेकिन सरकार ने इन प्रत्यावेदनों की सुनवाई नहीं की। भरतरी ने कहा कि उनका स्थानांतरण राजनीतिक कारणों से किया गया है, जिसमें उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। इस केस में अब अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि अभी यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जो भी निर्णय आएगा, उसका परीक्षण कराया जाएगा। इसके बाद ही तय हो पाएगा कि नया वन प्रमुख कौन होगा।

यह भी है पेच
आईएफएस राजीव भरतरी की ओर से कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि फिलहाल हॉफ कोई पद रिक्त ही नहीं है। उनका चयन सलेक्शन कमेटी (डीपीसी) की प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही किया गया था। जिसके तहत उन्हें दो साल का सुरक्षा कवच भी प्राप्त है। अगर दो साल से पहले उन्हें हटाया जाता है तो उसकी एक प्रक्रिया है, जिसका पालन नहीं हुआ।

चार अफसर नए वन प्रमुख की दौड़ में 
नए वन प्रमुख पद के लिए शासन में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में चार अप्रैल को डीपीसी होगी। चयन प्रक्रिया में प्रमुख सचिव वन, पीसीसीएफ (एपेक्स स्केल) और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से नामित पीसीसीएफ (एपेक्स स्केल) शामिल रहेंगे। वन प्रमुख पद के लिए सीनियर आईएफएस विनोद कुमार सिंघल, धनंजय मोहन, ज्योत्सना सितलिंग, अनूप मलिक सीनियर आईएफएस होने के नाते दौड़ में शामिल

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