राजनीति

मंत्रिमंडल विस्तार के लिए पीएम मोदी खुद कर रहे मंत्रियों के ‘रिपोर्ट कार्ड’ की समीक्षा

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहले मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी जोरशोर से चल रही है। प्रधानमंत्री बीते दो दिनों से अलग-अलग मंत्रियों को समूह में बुला कर उनके मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे।

सूत्रों के मुताबिक पीएम आवास पर मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा बृहस्पतिवार से शुरू हुई है और अब तक तीन समूहों से कामकाज का जायजा लिया जा चुका है। मोदी ने पहले दिन रामेश्वर तेली, वीके सिंह समेत कुछ अन्य मंत्रियों से उनके मंत्रालयों द्वारा किए गए काम की जानकारी ली। सूत्रों के मुताबिक ये बैठकें पांच घंटे से अधिक चलीं और कई मंत्रियों ने अपने मंत्रालय की प्रजेंटेशन भी पेश की। पीएम ने कृषि, ग्रामीण विकास, पशु पालन एवं  मत्स्य पालन, आदिवासी मामले, शहरी विकास, संस्कृति, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन, नागरिक उड्डयन, रेलवे, भोजन और उपभोक्ता मामले, जल शक्ति, पेट्रोलियम, स्टील और पर्यावरण मंत्रालयों के मंत्रियों को बैठक के लिए बुलाया है। समीक्षा बैठक का यह दौर अगले कुछ दिनों तक चलता रहेगा।

आज इनकी बारी 
पीएम आवास पर शनिवार को मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मेंद्र प्रधान, हरदीप पुरी, महेंद्रनाथ पांडे, गजेंद्र सिंह शेखावत को उनके मंत्रालयाें में हुए काम के साथ बुलाया गया है।

अपना दल-निषाद पार्टी से हो चुकी है बात
बृहस्पतिवार को गृह मंत्री शाह ने अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के साथ बैठक की थी। इस बैठक को भी मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियों के रूप में देखा गया। पार्टी सूत्र बताते हैं कि इस संदर्भ में जदयू से भी प्रारंभिक बातचीत हुई है। इन दलों के साथ अगले हफ्ते विस्तार से बातचीत होगी।

लंबे समय से है विस्तार की प्रतीक्षा
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल विस्तार की प्रतीक्षा लंबे समय से की जा रही है। बीते साल मार्च में भी विस्तार पर मंथन हुआ था। इसी बीच कोरोना महामारी की दस्तक और बाद में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण विस्तार टल गया था। गौरतलब है कि दूसरे कार्यकाल में पूर्व सहयोगियों शिवसेना और अकाली दल के कोटे के मंत्रियों के इस्तीफे, दो मंत्रियों की असामयिक मौत के कारण कई मंत्रियों पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है। कई मंत्री तीन से चार विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके अलावा शिवसेना और अकाली दल के राजग से हटने के कारण वर्तमान सरकार में सहयोगी दलों का नेतृत्व प्रतीकात्मक हो गया है। वर्तमान में सिर्फ आरपीआई के रामदास अठावले बतौर राज्य मंत्री सरकार में शामिल हैं। जबकि लोकसभा में प्रतिनिधित्व रखने वाले एक भी सहयोगी को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व हासिल नहीं है।

बड़े बदलाव की तैयारी 
पहले विस्तार में व्यापक बदलाव की तैयारी है। इसके जरिये सहयोगियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ कई मंत्रियों की छुट्टी किए जाने के भी संकेत हैं। इसके अलावा कई मंत्रियों के विभागों में फेरबदल भी किया जाना है।

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