उत्तराखंड

ऑरेंज अलर्ट जारी, नौगांव में गोशाला पर गिरा भारी मलबा, बदरीनाथ-यमुनोत्री-पिथौरागढ़ हाईवे बंद

उत्तराखंड में गुरुवार को भी बादलों का कहर जारी है। पहली घटना में उत्तरकाशी के नौगांव में एक गोशाला के ऊपर भारी मलबा आ गया है। जिससे कई पशु मर गए हैं और कई घायल हैं।

वहीं दूसरी घटना में टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वांला में आज सुबह मलबा आने से यहां यातायात बंद हो गया था। जिसे सुबह साढ़े दस बजे मलबा हटाकर मार्ग यातायात के लिए सुचारू कर दिया गया।

तीसरी घटना में बड़कोट की यमुनोत्री घाटी में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। उत्तरकाशी जिले में जगह-जगह मलबा और बोल्डर आने से यमुनोत्री हाईवे पर आवाजाही बाधित हो रखी है। श्रीनगर में चमधार में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग मंगलवार शाम से अवरुद्ध है।

बता दें कि मौसम विभाग ने गुरुवार को देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जैसे जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है।

कई जगह बंद हुआ बदरीनाथ हाईवे, बाद में यातायात के लिए खुुला
चमोली जनपद में देर रात से हो रही बारिश गुरुवार की सुबह भी जारी रही। बारिश से अभी भी जिले में 36 सड़कें अवरुद्ध हैं। बदरीनाथ हाईवे नगरासू से देश के अंतिम गांव माणा तक सुचारू है। वहीं हाईवे गुरुवार की सुबह 7 बजकर 20 मिनट पर लामबगड़ में मलबा आने से बंद हो गया था, जिसे बीआरओ ने बीस मिनट बाद खोल दिया था।

सुबह साढ़े सात बजे पागलनाला में भी एक घंटे तक हाईवे बंद रहा। यहां सुबह साढ़े सात बजे मलबा और बोल्डर आने से हाईवे बंद हो गया था, जिसे एनएच की जेसीबी मशीनों के जरिए एक घंटे बाद सुचारू कर लिया गया। जिले में आसमान में बादल छाए हैं और रिमझिम बारिश जारी है।

जिले में आपदा से किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। अलकनंदा, नंदाकिनी और पिंडर नदी खतरे निशान से नीचे बह रही हैं।

गोशाला के ऊपर भारी मलबा आया
उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक में कलोगी गांव के गोठुका तोक में बुधवार रात गोशाला के ऊपर भारी मलबा आ गया। अंदर बंधी दो गाय मलबे में दब कर मर गईं। एक गाय और एक बछिया घायल हो गई है। गोशाला जुधवीर सिंह की है, जो दूध बेच कर अपनी आजीविका चला रहे थे।

टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद
टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार रात खुलने के बाद गुरुवार को फिर बंद हो गया है। यहां स्वांला पर पहाड़ी से मलबा सड़क पर आ गया है। जिस कारण फिलहाल यातायात बंद है। भारतोली में भी अभी मलबा नहीं हट सका है। पिथौरागढ़, रुद्रपुर और रामनगर सहित कुमाऊं के अधिकतर इलाकों में बादल छाए हुए हैं।

दून व आसपास के इलाकों में भारी बारिश के आसार 
मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार को राजधानी देहरादून व आसपास के इलाकाें में एक या दो दौर में भारी बारिश हो सकती है। भारी बारिश की संभावना को देखते हुए देहरादून जिलाधिकारी ने जिला प्रशासन समेत आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों के अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है।

जिलाधिकारी डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि जिले के जिस भी इलाके से आपदा से जुड़ी कोई सूचना आती है तो तमाम विभागों के अधिकारी, कर्मचारी तत्काल मौके पर पहुंचे। ताकि आपदा राहत कार्यों को तत्काल शुरू किया जा सके। जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को अपने इलाकों में मौजूद रहने, आपदा से जुड़ी हर जानकारी जुटाने के साथ ही तत्काल सहायता मुहैया कराने की हिदायत दी है।

तोताघाटी में विकसित होगा वैकल्पिक मार्ग
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने आपदा नियंत्रण और ऑल वेदर रोड परियोजना के अंतर्गत नरेंद्रनगर से होकर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के संबंध में बैठक ली। उन्होंने कहा कि तोताघाटी में वैकल्पिक मार्ग विकसित किया जाए।

सचिवालय में हुई बैठक में मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कृषि, सिंचाई, पेयजल और लिंक मार्ग के संबंध में सर्वे करके रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इस संबंध में दुर्घटना बाहुल्य तोताघाटी के वैकल्पिक मार्ग का भी सर्वे कर रिपोर्ट दी जाए। यह कौड़ियाला से साकड़ीधार के बीच विकसित किया जाना है।

मंत्री ने डीएम टिहरी को निर्देश दिया गया कि मुनिकीरेती और तपोवन में विद्युत लाइन शिफ्ट करने के लिए क्षेत्रीय ब्लॉक प्रमुख, एसडीएम, बीआरओ और एनएच के अधिकारियों की एक कमेटी बनाई जाए। इस क्षेत्र में डंपिंग जोन से भी भूस्खलन का खतरा हो गया है। इसके प्रभाव से गांवों को बचाने के लिए टिहरी के डीएम को एक समिति बनाने के निर्देश दिए। बैठक में मंत्री ने निर्देश दिए कि जिनकी जमीन ली गई है, उन्हें तत्काल मुआवजा दिया जाए।

बैठक में मंत्री ने कहा कि चारधाम मार्ग और कुमाऊं-गढ़वाल को जोड़ने वाले सम्पर्क मार्ग के संबंध में इनका अधिकांश इलाका नरेन्द्रनगर के एनएच 58 और एनएच 98 से सम्बंधित है। आपदा के कारण इस इलाके के मार्ग अधिकांश क्षतिग्रस्त रहते हैं। भूस्खलन होता रहता है। इसलिये इन कार्यो को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। इस अवसर पर तमाम अधिकारी मौजूद रहे।

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