Sunday, March 26, 2023
Home ब्लॉग सिंहावलोकन एवं भावी योजनाओं का सुअवसर है नूतन वर्ष

सिंहावलोकन एवं भावी योजनाओं का सुअवसर है नूतन वर्ष

गनेशी लाल

इस धरती पर जन्म लेना कठिन ही नहीं अपितु अत्यंत दुर्लभ है ऐसा देश-दुनिया के महान् कवियों एवं दार्शनिकों का मानना है। समय की सुई बारह महीने टिक-टिक की आवाज करती अपना साल भर का सफऱ तय करती है, हम सुनते हैं देखते हैं और कभी-कभी उस पर गौर भी कर लेते हैं गौर अक्सर हम तब करते हैं जब हमें उसकी विशेष आवश्यकता होती है जैसे किसी का जन्म, किसी का विवाह अथवा किसी की मृत्यु का समय, प्रथम दो अवसर हमें सुख देते और तीसरा हमें दुख देता है, कष्ट देता और जीवन के परम सत्य से परिचित भी करवाता है। इन तीन अवसरों के अतिरिक्त शायद ही हमें कभी जीवन की कोई महत्ता समझ में आती होगी, ऐसा नहीं है कि जीवन की महत्ता समझने के अवसर नहीं हैं अथवा दुर्लभ हैं किसी का जन्मदिन आया तो हम उसको बधाई देते हैं केक काटकर उत्सव मनाते हैं तरह-तरह से पार्टियां करते हैं जिसका जन्मदिन होता है वो भी खुश और मनाने वाले भी अति प्रसन्न! किंतु क्या हम कभी सोचते हैं कि ये बधाई जो हमें हमारे जन्मदिन पर दी जा रही है जो वाह-वाही हम लूट रहे हैं क्या यह केवल हमारे जीवित रहने का पुरस्कार मात्र है।

या कोई और बात है। मनुष्य जन्म लेता है,रोता है ,खेलता कूदता है दुनिया के रूप-रंग का हो जाता  अपने लिए तथा अपनों के लिए जीवन के अनेकानेक साधन जुटाता है तरह तरह की प्रक्रियाओं में खुद को व्यस्त रखता है और एक दिन समय आता है जब वह खुद नहीं रोता औरों को रुला देता है और संसार के अटल सत्य की घोषणा करता चला जाता है
• आया है सो जाएगा राजा रंक फक़ीर।।
हर आदमी इसी अनजाने, अद्भुत और अपरिहार्य क्रम में संख्याओं की भांति अपना किरदार करता चलता है क्या हम कभी सोचते हैं  ये धरती जहां हम जन्म लेते हैं बिना पैसे के जिसको हम गंदा करते हैं, ये पेड़-पौधे जिनसे हम आक्सीजन लेते हैं और अपने स्वाभिमानी जीवन की घोषणा करते हैं ये जीवनस्वरूप जल, हवा, नदियां, पहाड़, पर्वत, सागर, गौरैया, कबूतर, तोता- मैना तथा अन्य सूक्ष्मदर्शी कीटों से लेकर हाथी तक के वे सभी चराचर जगत के प्राणी जिनका हमारे जीवन को गढऩे में महत्वपूर्ण योगदान है, उपकार है इन्होंने हमारे लिए जितना किया है हम भी उनके लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इनके लिए कुछ कर सकें।  ये रिश्ते ये पड़ोसी ये देश और ये दुनिया क्या है इसका क्या अस्तित्व है ये क्यों है? कैसे है? कब तक रहेगी? क्या हम इन अनिवार्य  पर कभी विचार करते हैं आज हम पढ़े लिखे हैं स्वतंत्रत हैं पहले से ज्यादा धनी हैं हर क्षेत्र में आगे हैं। किंतु हमारी प्रगति अभी भी वैसी नहीं है जैसी होनी चाहिए थी। कारण ये है कि हमने भाषा को केवल मशीन समझा है और शब्दों को उसके निरर्थक पुर्जे।

हम जितना आगे बढ़ते जा रहे हैं हमारा अर्थ कम होता जा रहा है हम बहुत कुछ पीछे छोड़ते जा रहे हैं आज तो जैसे आगे जाने का मतलब ही अपना सर्वस्व छोडऩा हो गया है। ठीक एक वर्ष बाद हमारा जन्मदिन आता है हम बड़े हर्ष के साथ मनाते हैं बधाइयां बटोरते हैं सबको धन्यवाद देते हैं और चलते बनते हैं इसी प्रकार नव वर्ष भी है 2005 बीता तो 2006 आया 2007 आया, 2008 आया 2009 तथा इसी तरह समयचक्र में बद्ध होकर आज 2022 आ गया जब हम छोटे छोटे थे तो कल्पना नहीं कर सकते थे कि 2022 तक हम जीवित रहेंगे और उस समय अपने आसपास , अपने मित्रों,परिजनों एवं गुरुजनों को नववर्ष की शुभकामनाएं दे रहे होंगे किन्तु हमें इतना ज़रुर पता है कि हम अभी जीवित हैं और जीवित व्यक्ति को जीवित रहने की कुछ शर्तें होती हैं उसका शरीर दिखाई देते रहने से उसे जीवित नही माना लेना चाहिए उसमें आदमीयत की कसौटी के अनुसार आदमी होना चाहिए तब जीवित माना जाएगा। ऊपर कहा जा चुका है कि आज हमने भाषा को मशीन की तरह यूज़ करना शुरू कर चुके हैं, थैंक्यू जैसे शब्दों में ज्यादा कोई भाव नहीं रह गया बोलते बोलते ये शब्द घिस-पिट चुके हैं शब्दों से हम बहुत समृद्ध हो चुके हैं और-और होते जा रहे हैं किन्तु भाव कहीं छूटता जा रहा है।

धीरे-धीरे आज से सन् 2022 शुरू होने जा रहा है हर आदमी के जीवन का एक वर्ष कम हो चुका है हर साल की तरह मोबाइल में बधाइयों के ढेर लगे हैं सोशल मीडिया बधाइयों के बोझ से जूझ रही है पर शायद ही कोई होगा जिसने एक बार भी ये सोचा होगा कि मेरे जीवन का एक साल कम हो गया तथा अभी तक मैंने क्या क्या हासिल किया और कितना असफल रहा। जीवन के कर्ज का बोझ कितना उतारा तथा कितना शेष है आदि आदि! प्रत्येक नववर्ष केवल इसलिए नहीं आता कि हम केवल  हैप्पी न्यू ईयर कह कर अपने दायित्व का सम्पूर्ण निर्वहन समझ लें बल्कि नववर्ष की सबसे बड़ी सार्थकता इस पर है कि हम अपने गत वर्ष का गहन विश्लेषण एवं मूल्यांकन करें, सिंहावलोकन करें पीछे मुडक़र देखें अपनी कमियों एवं त्रुटियों से सीखें । जो कमी साल भर में रह गयी हो वो अगले साल पूरी करने पर कृत-संकल्प हों तथा हमेशा याद रखें कि हमारे जीवन का एक वर्ष कम हो गया। जैसा कि ऊपर कहा जा चुका है कि हमारा ये व्यक्तित्व केवल हमारा गढ़ा हुआ नहीं है बल्कि इसमें चराचर जगत का विशेष योगदान है इस आधार पर हम इस जगत के कण-कण के ऋणी हैं ऐसे में यदि हम साल भर में कुछ न करके केवल हैप्पी न्यू ईयर कह कर काम चला लेते हैं तो हम आलसी और नाकारा तो हैं ही साथ ही साथ कृतघ्न भी कहे जाएंगे।  इन्हीं शब्दों के साथ सभी को नववर्ष 2022 की हार्दिक बधाई एवं मंगलकामनाएं!

RELATED ARTICLES

सत्र के बाद भी बना रहेगा मुद्दा

सवाल है कि संसद का बजट सत्र समय से पहले समाप्त हो जाने के बाद क्या भाजपा और कांग्रेस के उठाए मुद्दे समाप्त हो...

टेक्सटाइल मेगा पार्क- मेक इन इंडिया के तहत पूरी दुनिया के लिए भारतीय उत्पाद निर्माण की ओर एक बड़ा कदम

पीयूष गोयल   प्राचीन काल से चली आ रही भारतीय वस्त्रों की समृद्ध परंपरा, एक लंबी छलांग लगाने के लिए तैयार है, जो देश को...

मंत्रिमंडल में फेरबदल की भी सिर्फ चर्चा हुई

ऐसा नहीं है कि सिर्फ भाजपा संगठन में यथास्थिति बनी हुई है। केंद्र और राज्यों की सरकारों में भी यथास्थिति कायम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

उत्तराखंड में अब तक 30 लाख लोगों की बन चुकी आभा आईडी, देहरादून जिला प्रदेश में अव्वल

देहरादून। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग से अच्छी खबर है। राज्य में अब तक 30 लाख लोगों की आभा आईडी बन चुकी है। अच्छी बात ये है...

हरिद्वार धनौरी के एक कॉलेज में एमएससी की परीक्षा के दौरान बड़ी संख्या में नकल करते पकड़े गए बच्चे, हैरत में पड़ गई फ्लाइंग...

हरिद्वार। धनौरी के एक कॉलेज में 22 और दूसरे में दो बच्चे नकल करते पकड़े गए हैं। कॉलेजों में एमएससी की परीक्षाएं चल रही थीं।...

भारतीय वायु सेना में अग्निवीर भर्ती के लिए आवेदन शुरू, 31 मार्च तक कर सकते है आवेदन

भोपाल। भारतीय वायुसेना (अग्निवीर) में भर्ती के लिये इच्छुक आवेदक 31 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदक वेबसाइट पर अपना पंजीयन करा सकते...

पैसा नहीं दिया तो गायब हो जाएगा आपका फ्री टिवटर ब्लू टिक, नोट कर लें ये तारीख

नई दिल्ली। लोकप्रिय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म टिवटर पर अब केवल उन्हीं यूजर्स के अकाउंट पर ब्लू टिक दिखेगा, जो इसके लिए भुगतान कर रहे हैं। कंपनी...

भाई-बहन की हत्या का सनसनीखेज खुलासा, कातिल मां और पूर्व पार्षद समेत छह गिरफ्तार

मेरठ। मेरठ के खैरनगर में भाई-बहन की हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया। पुलिस ने बच्चों की मां निशा व पूर्व पार्षद सऊद फैजी...

उत्तराखंड के कई इलाकों में बिजली की कड़क के साथ फिर से शुरु हुआ बारिश का दौर

देहरादून। उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। आज भी प्रदेश के कई हिस्सों में बादलों के साथ धीमी बारिश...

भाजपा लोकतंत्र की हत्यारी -अखिलेश यादव

लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री व  नेता विरोधी दल  अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है। हर वर्ग के साथ अन्याय...

एडवोकेट विकेश सिंह नेगी की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, देहरादून नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग को जारी किया नोटिस

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून में मटन और चिकन की दुकानों में बिना परीक्षण के बेचे जा रहे मांस को लेकर दायर जनहित याचिका...

पौड़ी गढ़वाल की श्रीनगर विधानसभा के स्कूलों का होगा कायाकल्प, जानिए क्या है शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत की प्लानिंग और कितना बजट हुआ...

श्रीनगर/देहरादून। उत्तराखंड के जनपद पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खिर्सू, पाबौं व थलीसैंण ब्लॉक के स्कूलों का पुनर्निर्माण व मरम्मत किया जायेगा। इसके...

सत्र के बाद भी बना रहेगा मुद्दा

सवाल है कि संसद का बजट सत्र समय से पहले समाप्त हो जाने के बाद क्या भाजपा और कांग्रेस के उठाए मुद्दे समाप्त हो...

Recent Comments