भारत की ताकत हमारे छोटे स्थानीय उद्योग रहे – पीएम मोदी
दिल्ली। राष्ट्रीय महिला आयोग के 30वें स्थापना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित किया । पीएम मोदी ने राष्ट्रीय महिला आयोग के 30वें स्थापना दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा, 30 वर्ष का पड़ाव, चाहे किसी व्यक्ति के जीवन का हो, या फिर किसी संस्था का हो, ये बहुत अहम होता है। ये समय नई जिम्मेदारियों का होता है, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का होता है। मुझे विश्वास है, अपनी स्थापना के 30वें वर्ष को राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा भी इसी रुप में देखा जा रहा होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि, सदियों से भारत की ताकत हमारे छोटे स्थानीय उद्योग रहे हैं, जिन्हें आज हम MSME कहते हैं। इन उद्योगों में जितनी भूमिका पुरुषों की होती हैं, उतनी ही महिलाओं की भी होती हैं। आजकल महिलाएं लोगों को रोजगार दे रही हैं। सरकार प्रधानमंत्री मुद्रा योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं की सहायता कर रही है।पीएम ने कहा, आज मुद्रा योजना की लगभग 70% लाभार्थी महिलाएं हैं। करोड़ों महिलाओं ने इस योजना की मदद से अपना काम शुरू किया है और दूसरों को भी रोज़गार दे रहीं हैं। महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है। इसलिए राष्ट्रीय महिला आयोग की भूमिका का विस्तार भी समय की मांग हैं।
पीएम मोदी ने कहा, भारत के लिंगानुपात में वर्षों बाद सुधार हुआ है। स्कूलों से लड़कियों की ड्रॉपआउट दर कम हुई है, ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि महिलाएं बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान से खुद जुड़ गई हैं। आज जिन 9 करोड़ महिलाओं को पहली बार गैस कनेक्शन मिला है, वे महिला सशक्तिकरण की प्रतिमूर्ति हैं। आज जिन करोड़ों महिलाओं ने शौचालय बनवाया है, वे महिला सशक्तिकरण की प्रतिमूर्ति हैं।पीएम ने कहा, पिछले 7 सालों में देश की नीतियां महिलाओं को लेकर और अधिक संवेदनशील हुई हैं। आज भारत उन देशों में है जो अपने यहां सबसे अधिक मातृत्व अवकाश देता है। कम उम्र में शादी बेटियों की पढ़ाई और करियर में बाधा न बने, इसलिए बेटियों की शादी की उम्र 21 साल करने का प्रयास है।
इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग के 30वें स्थापना दिवस के मौके पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मोदी सरकार की नीतियों की सराहना की। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, विकास की आधारशीला, न्याय है। स्मृति ईरानी ने कहा, इस सरकार में महिलाओं के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं। महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए कानून भी पास किए गए हैं, और इस सरकार ने महिलाओं को पुरस्कार देकर भी सम्मानित किया है।
जानकारी के अनुसार, कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग, राज्य सरकारों के महिला और बाल विकास विभाग, विश्वविद्यालय और कालेज के संकाय सदस्य और छात्र, स्वैच्छिक संगठन, महिला उद्यमी और व्यावसायिक संघ ने शिरकत की है।बता दें कि, राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना महिलाओं के लिए संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने, उपचारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश करने, शिकायतों के निवारण की सुविधा और सभी नीतियों पर सरकार को सलाह देने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत जनवरी 1992 में एक वैधानिक निकाय के रूप में की गई थी।