उत्तराखंड

दुर्गम पहाड़ी इलाकों में अब खुद पहुंचेगी अदालत, उत्तराखंड में मोबाइल ई-कोर्ट की पहल

नैनीताल। उत्तराखंड में पहाड़ी क्षेत्रों में बसे दूरदराज के इलाकों की सहूलियत के लिए हाई कोर्ट ने एक अनूठी पहल करते हुए ई-कोर्ट को हरी झंडी दी है। कोर्ट के लंबी और पेचीदा प्रक्रियाओं के चलते इन इलाकों के लोगों की मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए अब कोर्ट खुद इन क्षेत्रों तक पहुंचेगा। हाई कोर्ट की इस अनूठी पहल के तहत पांच ई-कोर्ट शुरू किए जा रहे हैं, जिन्हें हाई कोर्ट के ही चीफ जस्टिस आरएस चौहान गुरुवार को झंडी दिखाकर मोबाइल कोर्ट वैन्स को रवाना करने वाले हैं।

हाई कोर्ट के पीआरओ महेंद्र सिंह जलाल के मुताबिक पहले पांच मोबाइल ई-कोर्ट पिथौरागढ़, चंपावत, उत्तरकाशी, टिहरी और चमोली ज़िलों के इलाकों में शुरू किए जा रहे हैं, जिनके लिए वैन्स को गुरुवार को ​रवाना किया जाना तय है। इस नई पहल में शामिल अधिकारियों की मानें तो न्याय जल्दी मिलने के सपने को साकार करने के मकसद से मोबाइल ई-कोर्ट की शुरुआत की जा रही है।

चीफ जस्टिस का आइडिया
उत्तराखंड के पहाड़ी ज़िलों की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए चीफ जस्टिस चौहान ने इस बारे में विचार किया था कि कैसे मुकदमा लड़ने वालों को न्याय मिलने में देर होती है और कैसे इस प्रक्रिया को आसान किया जा सकता है। चीफ जस्टिस के हवाले से जलाल ने कहा कि बलात्कार, यौन शोषण या दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में लोगों को इंसाफ मिलने में सालों इसलिए लग जाते हैं क्योंकि उनके लिए कोर्ट तक पहुंच पाना ही टेढ़ी खीर होता है।

उत्तराखंड के पहाड़ों में बसी एक बस्ती।

कैसी हैं ई-कोर्ट वैन्स और कैसे करेंगी काम?
कोर्ट की कार्रवाई को पहियों पर अंजाम देने के इस विचार में मोबाइल वैन्स पूरी तरह से उपकरणों से सजी होंगी। यानी इनमें कंप्यूटर, प्रिंटर और इंटरनेट कनेक्शन जैसी तमाम सुविधाओं के साथ ही कोर्ट की ज़रूरत के मुताबिक अन्य उपकरण भी होंगे। पीआरओ के मुताबिक ई-कोर्ट आधे अधूरे नहीं बल्कि पूरे न्यायालय की तरह काम करेंगे, पूरी कार्रवाई होगी। ज़िलों के ज़िला और सत्र न्यायाधीशों की ज़िम्मेदारी होगी कि वो इन्हें कैसे इस्तेमाल करते हैं। यह उनका निर्णय होगा कि ई-कोर्ट वैन्स को वो किन केसों के निपटारे के लिए किस प्राथमिकता से किस इलाके में भिजवाते हैं।

.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *