उत्तराखंड

मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाब में बल्ला हाथ में लिए हरीश रावत ने भाजपा को दे दी चुनौती

देहरादून। उत्तराखंड के चुनावी सियासत में आजकल एक मुद्दा ज्यादा गर्मी पकड़ रहा है । बता दें की पिछले 4 दिनों से उत्तराखंड में मुस्लिम विश्वविद्यालय का मसला लगातार सुर्खियों में है राजनीतिक दल इसके अलावा किसी पर चर्चा नहीं कर रहे हैं। भाजपा को तो मानो मुद्दा मिल गया हो यानी रोजगार बेरोजगारी के मुद्दे उत्तराखंड की राजनीति में लगभग खत्म ही मान लीजिए ऐसे में हरीश रावत ने आज भाजपाइयों को चुनौती देते हुए कहा कि-

भाजपाइयों और भाजपा के नेताओं मुझसे बहुत खेल रहे हो, मगर तुम्हारे पास क्या रोजगार-रोजगार का खेल नहीं है? हमसे बात करो न कि हमने रोजगार के लिए क्या किया है उत्तराखंड में?

भाजपा का फिर से एक बड़ा झूठ, कभी नमाज़ की छुट्टी तो कभी मेरी टोपी। वाह रे भाजपा तुम्हारे पास जनता को बताने के लिए इस चुनाव में और कुछ नहीं है, केवल हिंदू-मुसलमान! जरा यह तो बता दो कि अपने इतने साल के शासन में तुमने कितने बांग्लादेशी और घुसपैठिए देश से निकाले हैं? जिस सवाल पर तुम राजनैतिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश करते थे, उस सवाल को सत्ता में आने के बाद भूल गये! तुम भूल गये कि हरीश रावत ने भगवान सूर्य देव की पूजा के दिन छठ की भी छुट्टी, तुम भूल गये कि हमारी बहनें अपने पति के दीर्घ जीवन के लिए करवाचौथ मनाती हैं।

हरीश रावत ने करवा चौथ की भी छुट्टी दी, ईश्वर के अंशावतार के रूप में दलित घर में पैदा रैदास जी के जन्मदिन पर भी छुट्टी दी, हरीश रावत ने हरेले को जो उत्तराखंड के संस्कृति का एक महापर्व है, उसको राज्य पर्व के रूप में मनाया व राज्य पर्व घोषित किया। फूलदेई से लेकर घी सक्रांति तक, घुघुतिया त्यौहार/उत्तरायणी से लेकर हर उस त्योहार को राज्य के नीति से जोड़ा और उसको उत्साह पूर्वक मनाने की योजना को लागू किया। कभी कुछ और अब मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अरे हमने प्रयास किया संस्कृत विश्वविद्यालय बनाने का और हरिद्वार में बनाया भी, वो आपको नजर नहीं आया! किसी ने कहा भी नहीं मुझे नहीं मालूम।

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