उत्तराखंड के 16 शहरों में ‘टनल पार्किंग’, योजना को हरी झंडी मिली तो कहां होगी ये सुविधा?
देहरादून। उत्तराखंड में एक तो पहाड़ी इलाके होने और वहां पर्यटकों का भारी दबाव होने के चलते वाहनों की पार्किंग एक बड़ा मुद्दा है। अब इस समस्या से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग ने एक योजना बनाई है, जिसके तहत राज्य के प्रमुख शहरों में वाहनों के लिए ‘टनल पार्किंग’ की व्यवस्था की जाएगी। हालांकि इस योजना को लेकर अभी विचार चल रहा है और कई प्रक्रियाएं पूरी होनी बाकी हैं, वहीं जानकार यह भी कह रहे हैं कि इस योजना को अमली जामा पहनाने से पहले राज्य की भौगोलिक स्थितियों को पूरी तरह समझना होगा।
चूंकि हाल के कुछ सालों में उत्तराखंड में वाहनों का ट्रैफिक काफी तेज़ी से बढ़ा है, इसलिए पार्किंग को लेकर आने वाले कुछ सालों के लिए एक बड़ी योजना के बारे में सोचा जा रहा है। पार्किंग के लिए सुरंगें बनाने के प्लान से पहले जियोलॉजिकल सर्वे की बात भी कही जा रही है। एनआईई की खबर की मानें तो पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने कहा, ‘ट्रैफिक की समस्या के लिए टनल पार्किंग कैसे और कितनी उचित होगी, इस बारे में पता किया जा रहा है।’
उत्तराखंड के मसूरी और नैनीताल में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ने पर पिछले महीनों हंगामा हुआ था।
इन 16 शहरों में होगा प्रोजेक्ट
टनल पार्किंग प्रोजेक्ट अभी विचाराधीन है, जिसके अंतर्गत अल्मोड़ा, रामगनर, धारचूला, भीमताल, रानीखेत, अगत्स्यमुनि, श्रीनगर, उत्तरकाशी, चंबा, चमोली, गोपेश्वर, मसूरी, नैनीताल, पौड़ी, चमियाला और गुप्तकाशी जैसे नगरों को चुना गया है। ज़ाहिर है कि ये उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं और पर्यटकों के बढ़ते दबाव के कारण यहां भविष्य के लिहाज़ से व्यवस्था के बारे में मंथन चल रहा है। हालांकि यहां टनल पार्किंग के प्लान को लेकर विशेषज्ञ चेता भी रहे हैं।
उत्तराखंड के अंतरिक्ष एप्लीकेशन केंद्र के निदेशक एमपीएस बिष्ट का कहना है कि इस योजना को अमल में लाने से पहले राज्य की पहाड़ी संरचना के कारण कुछ निश्चित भौगोलिक और अन्य फैक्टरों के बारे में पूरा अध्ययन करने की ज़रूरत होगी। बिष्ट के मुताबिक ‘दुनिया भर में पार्किंग के लिए सुरंग जैसे निर्माणों को प्रमोट किया जा रहा है लेकिन यहां पूरा सर्वे होना चाहिए।’