उत्तराखंड : प्री-मॉनसून बारिश से पहले ही सड़कों का बुरा हाल, ऑलवेदर के साथ ही BRO के अहम हाइवे की खुली पोल
पिथौरागढ़। चीन और नेपाल से सटे जिले में प्री-मॉनसून बारिश ने ही सड़कों की पोल खोल दी है। बीते कुछ रोज से हो रही बारिश के कारण जहां जिले को शेष दुनिया से जोड़ने वाला एनएच 125 जगह-जगह से बंद पड़ा है तो वहीं चीन और नेपाल सीमा को जोड़ने वाला हाईवे का भी खस्ताहाल हो गया है। पिथौरागढ़ से टनकपुर तक 150 किलोमीटर के एनएच में दर्जनों जगह भारी लैंडस्लाइड हुआ है। मीना बाजार, चुपकोट बैंड, भारतोली और स्वाला ये कुछ ऐसे स्पॉटज हैं जहां आए दिन लैंडस्लाइड हो रहे हैं। बीते चार दिनों में ये अहम एनएच 40 घंटे से भी अधिक समय तक बंद रहा है। एनएच के बंद होने से ऑलवेदर रोड पर भी सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल, केन्द्र सरकार के सहयोग से 11 सौ करोड़ की लागत से इस एनएच को ऑलवेदर रोड में तब्दील किया गया था। दावा किया गया था कि अब बॉर्डर जिले को जोड़ने वाला एनएच हर मौसम में खुला रहेगा। लेकिन हो ठीक उल्टा रहा है। जगह-जगह बने डेंजर प्वाइंट यात्रियों की राह तो रोक ही रहे हैं, साथ ही उनकी जिंदगी को भी खतरे में डाल रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली से लौटे कमल जोशी ने जब दिल्ली को वापसी करनी चाही तो मीना बाजार में हुए लैंडस्लाइड ने 5 घंटे उनकी राह रोक डाली। नतीजा ये रहा है कि काठगोदाम से दिल्ली की उनकी ट्रेन छूट गई।
इसके बाद ट्रीटमेंट किया जाएगा
कुछ ऐसा ही हाल पिथौरागढ़ से तवाघाट तक के हाईवे का है। ये हाइवे बॉर्डर रोड आर्गिनाइजेशन के पास है। इस हाइवे में कनालीछीना, बंदरलीमा, लखनपुर, जौलजीबी में हर वक्त लैंडस्लाइड हो रहा है। चीन और नेपाल सीमा को जोड़ने वाला ये इकलौता हाईवे है। बॉर्डर में रहने वालों के साथ ही सेना, आईटीबीपी और एसएसबी के लिए पिथौरागढ़-तवाघाट हाईवे अहम है। डीएम पिथौरागढ़ आनंद स्वरूप का कहना है कि लैंडस्लाइड जोन में जेसीबी मशीन तैनात की गई है। रोड बंद होने पर तत्काल खुलवाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि ऑलवेदर रोड के डेंजर प्वाइंट का भू-गर्भीय सर्वेक्षण किया जा रहा है। इसके बाद ट्रीटमेंट किया जाएगा।