उत्तराखंड में दीपक बिजल्वाण बने 70 विधानसभाओं में सबसे युवा प्रत्याशी, जानिए छात्रसंघ अध्यक्ष से यहां तक का सफर
उत्तरकाशी। दीपक बिजल्वाण का राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू हुआ। दीपक बिजल्वाण सबसे पहले पुरोला महाविद्यालय में छात्र संघ चुनाव में कूदे। वहां ये जीता का जो सफर शुरू हुआ, जिला पंचायत अध्यक्ष बनने तक लगातार जारी रहा। अब दीपक बिजल्वाण विधानसभा चुनाव में यमुनोत्री से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। दीपक बिजल्वाण जिला पंचायत अध्यक्ष बनने से लेकर अब तक लगातार चर्चाओं में हैं।
राजनीति में पक्ष और विपक्ष ना हो तो राजनीति ही क्या? दीपक के विरोधी हमेशा से दीपक को निशाना बनाते आए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव और उसके बाद काफी समय तक उनके साथ रहने वाले कुछ लोग उनसे दूर हो गए। लेकिन, अपने कार्यकाल में तमाम विवादों के बाद भी दीपक बिजल्वाण की लोकप्रिता में कोई कमी नहीं आई है। युवाओं के बीच उनको जबरदस्त क्रेज देखने को मिलता है। दीपक को इन्हीं युवाओं पर भरोसा है कि 2022 के चुनावी समर में वो उनके साथ खड़े होंगे।
दीपक बिजल्ल्वाण की उम्र इस समय महज 36 साल की उम्र में यह बड़ी उपब्धि हासिल की है। छात्र राजनीति के अलावा दीपक बिजल्वाण एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस में भी राष्ट्रीय स्तर पर पदाधिकारी भी रह चुके हैं। यूथ कांग्रेस में भी दीपक ने चुनाव में जाकर जीत हासिल की थी। युवाओं के साथ काम करने का लंबा अनुभव है। दीपक की खास बात यह है कि वो युवाओं के साथ उन्हीं की तरह रहते हैं और अपने से बड़ी के लोगों को भी पूरा सम्मान देते हैं। दीपक के पिता किसान कांग्रेस के बड़े नेताओं में सुमार थे। उनके निधन के बाद दीपक ने ही परिवार को संभाला और खुद भी राजनीति के कंटीले सफर पर मजबूती से आगे बढ़े।
इसके अलावा महिलाओं के बीच भी दीपक भी खास पकड़ है। दीपक भी हर साल राखी के त्योहार पर विधानसभा क्षेत्र की हजारों महिलाओं को तोहफे देते हैं। पिछले साही जहारों महिलाओं ने दीपक को राखी बांधी थी। दीपक बिजल्वाण लोगों सुख-दुख में खड़े नजर आते हैं। क्षेत्र में रहने के अलावा उनको ज्यादा समय देहरादून के अस्पतालों में गुजरता है। जहां वो क्षेत्र से आए लोगों की हर तरह से मदद करते हैं। यही बात लोगों को भाती है।