स्वच्छता की अलख जगा रहा उत्तराखंड पर्यटन विभाग का स्वच्छता अभियान
देहरादून। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उन्होंने “स्वच्छ भारत” का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें। महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया और इसके सफल कार्यान्वयन हेतु भारत के सभी नागरिकों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की।
सतपाल महाराज पर्यटन मंत्री ने बताया कि स्वस्थ जीवन के लिए हमें स्वच्छता को संस्कार बनाना होगा। इसे अपने मनोभाव से जोड़ना होगा। यह मनोभाव अपने घर के साथ ही वार्ड, शहर और प्रदेश तक की स्वच्छता के प्रति होना चाहिए। यदि हम स्वच्छता के प्रति जागरूक रहेंगे तो बीमारियां दूर रहेंगी और बीमारियों पर होने वाला खर्च भी बचेगा। जिस तरह कोरोना काल में पर्यावरण मित्रों ने बेहतर काम किया, उसी प्रकार स्थानीय व वार्ड स्तर पर स्वच्छता समितियां बनाकर हर नागरिक को स्वच्छता अभियान से जुड़ना चाहिए।
दिलीप जावलकर सचिव पर्यटन ने बताया कि पर्यटन उत्तराखंड के आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण अंग है। पर्यटन प्रदेश भर के लाखों लोगों का रोजगार और अजीविका का साधन हैं। राज्य सरकार पर्यटन विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत हम प्रदेश में नए पर्यटन स्थलों को विकसित कर रहे हैं। यूटीडीबी की ओर से प्रदेश भर में चलाए जा रहे स्वच्छता पखवाड़े में पर्यटन स्थलों को भी चमकाने का काम किया जा रहा है।
पूनम चंद अपर निदेशक उत्तराखण्ड पर्यटन ने बताया कि स्वच्छता पखवाड़े का उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को उत्तराखंड में स्वच्छ और सुंदर वातावरण उपलब्ध कराना था। विभाग ने स्वयंसेवकों के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान चलाया गया था।
स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए हम सबको आगे आना होगा। इसके लिए बीते 15 दिनों से उत्तराखंड पर्यटन विभाग की ओर से प्रदेश भर में स्वच्छता पखवाड़ा चलाकर स्वच्छता की अलख जगाई गई। प्रदेश भर में चलाए गए स्वच्छता पखवाड़े का आज यानी 30 सितंबर को समापन हो गया।
स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत 17 सितंबर से प्रदेश के सभी जनपदों में स्वच्छता पखवाड़ा चलाया गया जिसमें देहरादून के राजपुर से झड़ीपानी (मूसरी) ट्रेक, गुच्चूपानी, जॉर्ज एवरेस्ट, अल्मोड़ा के करबला से देयोली डाना मंदिर, बागेश्वर में कौसानी के आसपास, चमोली के अनुसुइया ट्रेक, चंपावत में सिलिंग्टन चाय बागान, रूद्रप्रयाग में देवरियाताल ट्रैक, मेहखाना देवी, टिहरी के जिलाधिकारी द्वारा 25 सदस्यीय ट्रेकिंग दल को बौराड़ी के गणेश चौराह से घूत्तू-गंगी-खतलिंग में सात दिन तक विशेष स्वच्छता अभियान के लिए रवाना किया। वहीं उत्तरकाशी में नतीन से दयारा बुग्याल, पौड़ी के मुख्य शहर, नैनीताल में तितली, तयार, क्यारी, रामनगर, ऊधमसिंह नगर में बौर्जलासाय, पिथौरागढ़ में नयाबाजार, निकट केमो स्टेशन और हरिद्वार में चंडीपुल, मनसा देवी में यह अभियान चलाया गया।
विभाग की ओर से 30 सितंबर तक चलने वाले स्वच्छता पखवाड़े में स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट निपटान से संबंधित सर्वोत्तम तकनीकों के बारे में राज्य भर में होमस्टे मालिकों, होटल व्यवसायियों और स्थानी समुदायों को जागरूक किया गया।