मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली से मिली डंबल इंजन की बूस्टर डोज,पढ़िए मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे से उत्तराखंड को क्या हुआ हासिल
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर को अपने कुशल प्रबंधन से काबू करने में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने काफी हद तक सफलता हासिल कर ली है। इस लहर से निपटने में दो महीने का समय यूं ही निकल गया। इन दो महीनों में सरकार का पूरा फोकस स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने व अधिक से अधिक लोगों तक सहायता पहुंचाने में रहा है। अब जबकि कोरोना पाॅजिटिव केस के आंकड़े राज्य में प्रतिदिन 500 से कम हो गए हैं ऐसे में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्य में विकास की गाड़ी को एक बार फिर से सरपट दौड़ाना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक बार फिर कमर कस कर फ्रंट फुट पर बैटिंग करने मैदान में उतरे आये हैं। इस बार दिल्ली से डंबल इंजन की बूस्टर डोज भी मिल रही है।
तीरथ सिंह रावत को सरकार की कमान तब मिली, जब चुनाव को बस सालभर से भी कम का समय बचा है। मतलब साफ है समय कम-काम ज्यादा। ऐसे में बेहत्तर प्रदर्शन के साथ ही भाजपा को 2022 में सत्ता वापसी की अहम जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर है। हर मोर्चे पर खुद को साबित करने की चुनौती का सामना मुख्यमंत्री बेहद कुशल तरीके से कर रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में उनके द्वारा समय-समय पर उठाये गये कदम इसका प्रमाण हैं। अब उनका पूरा फोकस राज्य की हर विधानसभा की विकास योजनाओं पर है। जल्द ही इसको लेकर विधानसभावार विकास कार्यों व मुख्यमंत्री की घोषणाओं को लेकर समीक्षा बैठक भी होने वाली है।
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह एवं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से औपचारिक मुलाकात के बाद एक बार फिर मुख्यमंत्री दिल्ली में हैं। इस बार उन्होंने अफसरों की हाईलेवल टीम के साथ दर्जनभर केंद्रीय मंत्रियों के दरबार में दस्तक दी है। मंत्रियों से मुलाकात में वह खुलकर विकास योजनाओं की दमदार पैरवी के साथ बजट उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। जिसमें लगातार सफलता हासिल हो रही है। मुलाकात का मकसद साफ है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत केंद्र से राज्य के लिए ज्यादा से ज्यादा मदद हासिल करने की उम्मीदें संजोए हुए हैं। उत्तराखंड में चंद महीने बाद ही विधानसभा चुनाव जो हैं। ऐसे में केंद्र सरकार भी खुले हाथ मदद से गुरेज नहीं करेगी।
जीएसटी कम्पनसेशन की अवधि 5 साल बढाने का अनुरोध
केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात में मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी के लागू होने के बाद उत्तराखण्ड राज्य को राजस्व हानि उठानी पङी है। इसे देखते हुए केन्द्र द्वारा राज्य को जीएसटी कम्पनसेशन मंजूर किया गया। परंतु इस कम्पनसेशन की अवधि जून 2022 में समाप्त होने जा रही है। कोविड की आपात स्थिति में राज्य के वित्तीय संसाधनों पर विपरीत प्रभाव पङा है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से उत्तराखण्ड की विपरीत परिस्थितियों और सीमित आर्थिक संसाधनों को देखते हुए जीएसटी कम्पनसेशन की अवधि को जून 2022 से आगे और पांच वर्ष बढाने का अनुरोध किया।
उत्तराखण्ड में क्राफ्ट टूरिज्म विलेज स्थापित करने पर फोकस
वहीं मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय व महिला बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने उत्तराखण्ड में क्राफ्ट टूरिज्म विलेज स्थापित करते हुए इसे होम स्टे से जोङने को कहा। मुख्यमंत्री व केन्द्रीय मंत्री ने उत्तराखण्ड की कला ऐंपण पर विशेष चर्चा की। केन्द्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा कि मधुबनी आर्ट की तर्ज पर ऐंपण कला पर फोकस किया जाना चाहिए। इसे टेक्सटाईल से जोङते हुए निर्यात पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रदेश में वन स्टाॅफ कारीगर मेलों का आयोजन किया जाए। इनमें स्थानीय कारीगरों के प्रशिक्षण व उन्हें आधुनिक जानकारियां दी जाएं। राज्य के लोकल आर्गेनिक उत्पादों को प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है। 1 से 7 अगस्त तक प्रत्येक जिले में हैंडलूम मेलों का आयोजन हो। इन्हें लोकल उत्पादों से जोङा जाए। इसे ई कामर्स से भी जोङा जाए। इसी प्रकार 1 से 15 अगस्त तक टेक्सटाईल मेले भी आयोजित किये जाएं जिसका फायदा स्थानीय कारीगरों को होगा। हर जिले में एक लोकल प्रोडक्ट को चिन्हित कर उसे प्रोत्साहित किया जाए। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वे स्वयं टेक्सटाईल मेले में आएंगी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री को मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रदेश में संचालित महिला एवं बाल विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वन स्टाप सेंटर महत्वपूर्ण योजना है। इसका लाभ हर जरूरतमंद को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्भया योजना से संबंधित राज्य सरकार के प्रस्तावों को मंजूरी दी जाएगी।
खेलो इण्डिया स्टेट लेवल सेंटर एवं स्पोर्टस सांइस सेंटर की सौगात
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) खेल एवं युवा मामले श्री किरण रिजीजू से भेंट की। उत्तराखण्ड में खेलों के विकास पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि खेलो इण्डिया योजना के अन्तर्गत खेलो इण्डिया स्टेट लेवल सेंटर एवं स्पोर्टस सांइस सेंटर का निर्माण स्पोर्टस कॉलेज, देहरादून में किया जायेगा। इसी प्रकार खेलो इण्डिया योजना के अन्तर्गत खेलो इण्डिया स्मॉल सेंटर, उत्तराखण्ड के सभी 13 जनपदों में न्यूनतम एक सेंटर प्रत्येक जनपद में खोला जायेगा। उत्तराखण्ड के पौड़ी जनपद में रांसी स्टेडियम में हाई एल्टीट्यूड ट्रेनिंग सेंटर बनाया जायेगा जबकि गैरसैंण में योगा सेंटर बनाया जायेगा। धारचूला (पिथौरागढ़) एवं नानकमत्ता उधमसिंह नगर में खेल प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की जायेगी। उत्तराखण्ड में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलो के आयोजन हेतु अनुदान की मांग का प्रस्ताव खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त मंत्रालय भारत सरकार को प्रेषित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज लिए गये निर्णयों से उत्तराखण्ड में खेल विकास को नई दिशा मिलेगी।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री से 3 बड़ी मांगे
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि उत्तराखण्ड राज्य में सिटी गैस वितरण परियोजना का विस्तार देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व नैनीताल के पूर्ण नगर क्षेत्र व उससे लगे अर्द्धनगरीय क्षेत्रों तक करते हुए राज्य में सिटी गैस वितरण परियोजना के कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने पेट्रोलियम केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से ओएनजीसी देहरादून के अस्पताल को अपग्रेड कर 500 बेड का करने का आग्रह किया। केन्द्रीय मंत्री ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों को इसकी सम्भावना देखने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए मासिक मांग 1185 के.एल. मिट्टी तेल के आवंटन के लिये भी केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।
मसूरी में 700 करोड़ की लागत से बनेगी 2.74 लम्बी टनल
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात में राज्य को बड़ी सौगात मिली है। मसूरी में 700 करोड़ की लागत से बनने वाली तकरीबन 2.74 किलोमीटर लम्बी टनल को मंत्रालय की ओर से हरी झंडी देने के लिए मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। टनल के निमार्ण कार्य का उद्घाटन करने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी खुद अक्टूबर माह में मसूरी आएंगे। देहरादून से मात्र 34 किलोमीटर की दूरी पर वैश्विक पर्यटन मानचित्र में ‘‘पहाड़ों की रानी’’ के नाम से सुविख्यात नगर मसूरी स्थित है। लाखां पर्यटक प्रतिवर्ष मसूरी आवागमन करते हैं। जाम की वजह से पर्यटकों पर बड़ा ही नकारात्मक असर पड़ रहा था। मसूरी नगर को टनल के रूप में दिया गया यह अमूल्य उपहार न सिर्फ मसूरी नगर बल्कि उत्तरकाशी जनपद के निवासियों के लिए भी नई सम्भावनाओं के द्वार खोलेगा। मसूरी नगर तथा उत्तराखण्ड राज्य में पर्यटन विकास संभावनाओं एवं तद्जनित रोजगार अवसरों को बढ़ाने हेतु यह टनल मील का पत्थर साबित होगी।