उत्तराखंड

जसपुर के उपप्रमुख गुरताज भुल्लर की पत्नी गुरप्रीत कौर की मौत के बाद यूपी और उत्तराखंड पुलिस आमने- सामने

काशीपुर। उत्तराखंड में काशीपुर में यूपी पुलिस मुठभेड़ में जसपुर के ज्येष्ठ उपप्रमुख गुरताज भुल्लर की पत्नी गुरप्रीत कौर की मौत के बाद से यूपी और उत्तराखंड पुलिस आमने-सामने आ गई है। गुरुवार को उत्तराखंड पुलिस ने मुरादाबाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद शुक्रवार को मुरादाबाद एसएसपी हेमंत कुटियाल ने ऊधमसिंह नगर के एसएसपी को पत्र भेजकर उन सभी आरोपों का करारा जवाब दिया है।

पत्र के साथ ही एसएसपी ने तमाम साक्ष्य भी भेजे हैं, जो आरोपों को गलत साबित कर रहे हैं। बीती, 12 अक्तूबर देर शाम ठाकुरद्वारा (मुरादाबाद) एसएचओ और एसओजी की टीम जब खनन सिंडिकेट संचालक जफर का पीछा करते हुए ऊधमसिंह नगर के कुंडा थाना क्षेत्र के गांव भरतपुर पहुंची तो मुठभेड़ हो गई। जिसमें जसपुर के ज्येष्ठ उपप्रमुख गुरताज भुल्लर की पत्नी की मौत हो गई और मुरादाबाद के 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

यूपी पुलिस की कार्यशैली पर उठाए थे सवाल उत्तराखंड पुलिस के अफसरों ने मीडिया के सामने मुरादाबाद पुलिस पर तमाम आरोप लगाते हुए सवाल खड़े किए। अधिकारियों ने दावा कर दिया कि ठाकुरद्वारा पुलिस और एसओजी टीम ने उनके क्षेत्र में पहुंचने की कोई सूचना नहीं दी। यह भी आरोप लगा दिया था कि यूपी पुलिस के घायल पुलिसकर्मी अस्पताल से भाग निकले और बेरीकेडिंग तोड़कर मुरादाबाद भागे।

पलटवार यूपी पुलिस के भागने की बात भी निराधार
मुरादाबाद एसएसपी कुटियाल ने पत्र के माध्यम से बताया कि उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करते ही वहां की स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद भी कुल तीन बार कॉल की गई, जिसकी सीडीआर भी पत्र के साथ भेजी। यूपी के पुलिस के जवानों के भागने की बात को एसएसपी ने निराधार बताया। उन्होंने कहा कि जब घायल पुलिसकर्मियों को काशीपुर अस्पताल में भर्ती कराया तो वहां भी उन्हें मारने के लिए आरोपी जफर को शरण देने वाले पहुंच गए थे। ऐसे में घायलों की गंभीर हालत और उन पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए उन्हें वहां से लाकर कॉसमॉस अस्पताल मुरादाबाद में भर्ती कराया गया।

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