दिल्ली, जागरण संवाददाता। मां को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने वाले बेटे को कड़कड़डूमा कोर्ट ने सोमवार को पांच साल कैद की सजा सुनाई है। साथ में दो हजार रुपये जुर्माना लगाया है। 25 अक्टूबर 2013 में सीलमपुर डी-ब्लॉक स्थित नगर निगम के प्राथमिक विद्यालय के अंदर महिला एजाज फातिमा ने तेल डाल कर खुद को आग लगा ली थी। घटना के वक्त बेटा जुल्फिकार उर्फ बॉबी उनके साथ था। बेटे ने आरोप लगाया था कि उसकी मां को पिता राजी हसन ने आग लगाई थी, जोकि इस विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाचार्य थे।
इलाज के दौरान 5 नवंबर 2013 को एजाज फातिमा की मौत हो गई थी। इस मामले में विद्यालय के एक शिक्षक ने मृतका के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
आरोप लगाया था कि आग लगाने के लिए बेटे जुल्फिकार ने मां को लाइटर दिया था। जिसके बाद उन्होंने आग लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने जांच कर आरोपित बेटे के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। गवाहों ने कोर्ट में बयान दिया कि बेटे ने अपने पिता पर झूठा आरोप लगाया था। घटना के दिन राजी हसन छुट्टी पर थे और दिल्ली से बाहर गए हुए थे। कोर्ट ने शुक्रवार को आरोपित बेटे को दोषी करार दिया था। दोषी जुल्फिकार के वकील हाफिज मुहम्मद रिजवान ने बताया कि सोमवार को कोर्ट ने उनके मुव्वकिल को पांच साल कैद की सजा सुनाई है।
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