दीपक मिशवान की रिपोर्ट
नई टिहरी। टिहरी जिले के भिलंगना नदी पर बन रहे हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के सन्दर्भ में जिला पंचायत प्रतिनिधि भजन रावत के नेतृत्व में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें समस्त क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियो, बुद्धिजीवीयो, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं क्षेत्रिय जनमानस ने भविष्य में इन पावर प्रोजेक्ट से होने वाले नुकसान एवं पर्यावरण को होनी वाली क्षति, वनों के विनाश और हिमालय के नजदीक इस प्रकार के विस्फोटक प्रणाली से बननी वाली सुरंगो के विषय पर चर्चा की। हाल ही मैं चमोली में हुए जानमाल का नुकसान हो या 2013 में आई आपदा, कहीं न कहीं इन सबकी जिम्मेदारी हिमालयी क्षेत्रो में हो रही इन दखलंदाजी का ही नतीजा है।
इसी भयावह स्थिति को देखकर स्थानीय लोगों में भय का माहौल है और सभी ने एक स्वर में इनका विरोध करने की ठानी है। अभी तक भिलंगना नदी पर दो हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट कार्यरत है और तीन स्वीकृत है, जो पावर प्रोजेक्ट बने भी है। उनसे ही कई गावों के मकानो में दरारे है, तो कई जलस्रोत सूख गए है। सुरंग के आसपास के गांव के लोग भयभीत जीवन यापन करने को मजबूर है और कम्पनी वाले इन सबको दरकिनार करते हुऐ मौन धारण किए हुऐ है या किसी आपदा का इतंज़ार कर रहे है।
यही कारण है कि अब लोगों में इन हाइड्रोपावर प्रोजक्टो के खिलाफ रोष है और आज कि बैठक में भी सभी ने इन प्रोजेक्ट का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इसी प्रपेक्ष में आगामी 18 फरवरी को पुनः बैठक का आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा और उसी दिन सरकार को इन पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ ज्ञापन भी दिया जाएगा l अगर सरकार की ओर से यदि कोई सकारात्मक पहल नहीं होती है तो एक व्यापक आंदोलन भी इन पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ किया जाएगा।
इस अवसर पर बैठक में उपस्थित नित्यानंद कोठियाल, कुलवीर चांदपुरी, मदन राणा, कु० राधिका, दीपक पेनयूली, दीपक राणा, धनी शाह, पलक्ष्मी देवी, सुनीता देवी, कुलदीप जुगतवांण, रेशमा देवी, अक्षित रावत, रमेश नेगी, जसबीर रोतेला, शिव रोतेला सहित कई लोग मौजूद रहे।