सुनील कुमार की रिपोर्ट
उत्तरकाशी। देश की राजनीति में रसूखदार, नामीगिरामी लोगों का एक अलग ही ओहदा देखा जाता है। इस वर्ग के लोगों की राजनीति में इतना ज्यादा प्रभाव और पहुंच होती है कि इनके आगे प्रशासनिक अधिकारी भी जी हुजूरी करते नजर आते हैं।इनके वर्चस्व के कारण किसी भी कार्यक्रम के उद्घाटन या लोकार्पण में अधिकारियों को मदारी के जमूरे की तरह नांच नाचना पड़ता है। देश में ऐसे अधिकारियों की एक बड़ी संख्या है जो मंत्रियों नेताओं के पिछलग्गू बने रहते हैं। पर इन अधिकारियों की फौज के बीच कुछ ऐसे चेहरे भी है जो भारतीय संविधान के प्रति पूरी निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं। ये वो अधिकारी हैं जो भारत के प्रशासनिक पदों पर कर्त्तव्य को ढाल बनाकर काम करते है। इनके लिए मंत्री और नेता से बड़ा भारत का संविधान है। ऐसे ही एक अधिकारी इन दिनों उत्तरकाशी में अपनी कड़क कार्यशैली से नियम तोड़ने वालों के लिए सरदर्द बने हुए हैं।
उत्तरकाशी में परिवहन विभाग के एआरटीओ प्रवर्तन जितेंद्र चन्द मंगलवार की सुबह धड़ल्ले से सड़क पर वाहनों की जांच कर रहे थे। उसी वक़्त उत्तरकाशी के व्यापारी चिंटू मटूड़ा के ज्ञानसू सुरंग के पास स्थित टिनसेट हॉल पर मतुड़ा का सामान ट्रक से उतारा जा रहा था। उसी दौरान एआरटीओ प्रवर्तन जितेंद्र चन्द ने ट्रक के कागज मंगवाये। मौके पर उपलब्ध कराए गए कई दस्तावेज अधूरे होने के कारण युवा दबंग अधिकारी ने ट्रक को सीज कर दिया। जिसकी भनक समान के मालिक चिंटू को लगते ही अधिकारी के समक्ष पेश होना पड़ा। चिंटू मटूड़ा ने अपनी दलील युवा अधिकारी के समकक्ष रखी। किन्तु अधिकारी ने अपने कार्य व सड़क सुरक्षा के नियम के तहत चालान किये जाने की बात कर चिंटू की एक ना सुनी और ट्रक को सीज कर दिया। इस दौरान व्यापारी चिंटू ने अपने रसूख और पहुंच का दबदबा बनाने का प्रयास अधिकारी के सामने किया किन्तु परिवहन अधिकारी जितेन्द्र चंद ने नियम के तहत हुई कार्यवाही का हवाला देकर ट्रक का चालान कर सीज कर दिया।
जिसके बाद चिंटू कार्यवाही करने वाले अधिकारी के समक्ष जिलाधिकारी से बात करने की गुहार करने लगे। वहीं काफी देर की बहसबाजी के बाद भी अधिकारी अपनी नियमावली के तहत कार्य कर गाड़ी को 6500 का चालान कर तत्काल भुगतने को कहा।